लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए अपनी इम्युनिटी करें मजबूत
योगा, प्राणायाम एवं आहार में थोड़ा परिवर्तन करके आप अपनी इम्युनिटी मजबूत कर सकते हैं
योगा, प्राणायाम एवं आहार में थोड़ा परिवर्तन करके आप अपनी इम्युनिटी मजबूत कर सकते हैं तथा फेफड़ों को मजबूत कर शरीर की रक्षा प्रणाली को प्राकृतिक रूप से मजबूत कर सकते हैं। इन विधियों से आपको इस मुश्किल दौर में तनावमुक्त रहने एवं मन की चिंताओं को दूर रखने में मदद मिलेगी।
Inextlive के अनुसार, दिन की शुरुआत एक लीटर गुनगुना जल पीकर ऊषापान के साथ करें। यह सदियों पुराना भारतीय तरीका पूरी रात शरीर में एकत्रित होने वाले विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाल देता है।
- एक चम्मच मोरिंगा पाॅवडर एवं आमला पाॅवडर गुनगुने जल से सुबह-सुबह लेने से आपकी इम्युनिटी बढ़ती है। आप नींबू व शहद के साथ चाय में भी इसे ले सकते हैं।
- बच्चों को सुबह दूध के साथ एक चम्मच च्यवनप्राश दिया जा सकता है।
तिल के तेल के साथ (यदि तिल का तेल न हो, तो सरसों का तेल इस्तेमाल करें) खुद की एक ऊर्जावान मालिश (अभ्यंग) वहनियों की रुकावट को दूर कर शरीर में रक्त का संचार बढ़ाती है। योगासन और प्राणायाम अपने व्यायाम की शुरुआत सूर्य नमस्कार के साथ करें। सूर्य नमस्कार करने से आपमें सौर ऊर्जा का संचार होता है तथा पिंगला नाड़ी सक्रिय होती है, जिससे आपको दिन के काम करने के लिए ऊर्जा मिलती है। सूर्य नमस्कार के अलावा ये पांच आसन आपके शरीर एवं इसकी इम्युनिटी को मजबूत करते हैं।
1. अधोमुख श्वानासन
2. उत्तानासन
3. भुजंगासन
4. सुप्त बद्ध कोणासन
5. प्रसारित पादोत्तनासन
प्राणायाम से शरीर में ऊर्जाचक्र सक्रिय होते हैं और इसका मनोविज्ञान पर सकारात्मक असर पड़ता है। बार बार माईग्रेन, थकावट या फिर सुस्ती की शिकायत कम इम्युनिटी की वजह से होती है, जिसका इलाज प्राणायाम से किया जा सकता है।
भ्रमरी प्राणायाम कानों को बाहरी शोरगुल से बंद कर तथा अपनी ध्यान अंदर की ओर केंद्रित कर तत्काल सुकून प्रदान करता है। इससे तनाव कम होता है एवं नींद न आने की समस्या का समाधान होता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम में एक नासाछिद्र से श्वास लेकर दूसरे नासाछिद्र से हवा छोड़ी जाती है। इस तरह से श्वास लेने से श्वास नली की रोगनिरोधक शक्ति बढ़ती है। प्राणायाम फेफड़ों को नवऊर्जा देता है और आपकी श्वास लेने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे माईक्रोब्स के प्रति रोगनिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
नींद से सैल्स रिपेयर एवं पुनर्निर्मित होती हैं। नींद के दौरान दिमाग सैल्स को 60 प्रतिशत तक सिकोड़ कर अपने अंदर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल देता है तथा सेरेब्रल स्पाईनल फ्लुड बाहर निकालता है। इस प्रक्रिया के पूरा होने से इम्युनिटी और ऊर्जा बढ़ती है। सोने से एक घंटा पहले घर के गैजेट्स का इस्तेमाल बंद कर देने से स्लीप हार्मोन, मेलाटोनिन का बेहतर निर्माण होता है तथा नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। अपर्याप्त नींद से इम्युनिटी कमजोर होती है और खाने की इच्छा बढ़ती है एवं दिमाग में धुंध का निर्माण होता है।
सुबह एवं शाम या रात को सोने से पहले ध्यान करने से आपकी प्राण ऊर्जा बढ़ती है, जो आपको जीवित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा है।
- शिशु की आकृति, डाॅल्फिन की आकृति, झुके हुए कोण की आकृति, शवासन जैसे आसनों से चिंता दूर होती है तथा सुकूनभरी नींद आती है।
सोने से पहले बाएं नासाछिद्र से कम से कम 5 मिनट तक श्वास लेने या फिर चंद्र भेदन प्राणायाम करने से चंद्र नाड़ी सक्रिय होती है ताकि मस्तिष्क नींद में पूरी तरह से आराम से सो सके।
- सोने से पहले हल्दी पाॅवडर एवं घी के साथ एक कप दूध लेने से नींद के दौरान शरीर में उपचार की प्रक्रिया बढ़ती है।
- बासी खाना, दोबारा गर्म करके, फ्रिज में रखा खाना न खाएं, क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार यह मृत भोजन है। इसमें प्राण ऊर्ज बिल्कुल नहीं होती।
योगा के बाद पोषण के लिए ताजा सब्जियों का रस, जिसमें नीम से लेकर अमरुद तक एवं आम से लेकर लेमन ग्रास तक, सभी खाने योग्य पत्तियों का रस हो, लिया जा सकता है। भुना जीरा, पिसी काली मिर्च, अदरक एवं लैमन जूस इसमें मिलाया जा सकता है।
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