भारत: समय की भरपाई के लिए पाठ्यक्रम में कटौती करने पर विचार कर रहा है सीबीएसई
गत 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी गई थी। इस दौरान सभी स्कूल बंद रहे हैं और परीक्षाएं पहले ही स्थगित की जा चुकी हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण बर्बाद हुए समय की भरपाई की खातिर अगले अकादमिक सत्र के लिए नौवीं से 12वीं क्लास के पाठ्यक्रम को तार्किक बनाने यानी उसमें कटौती करने पर विचार कर रहा है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, हालात का आकलन किया जा रहा है और जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने पिछले सप्ताह कहा था कि पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए एक वैकल्पिक कैलेंडर लागू किया जाएगा, क्योंकि इन कक्षाओं में घर से पढ़ाई हो रही है। काउंसिल इसी तरह की योजना इससे ऊपर की कक्षाओं के लिए भी बना रही है।
गत 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी गई थी। इस दौरान सभी स्कूल बंद रहे हैं और परीक्षाएं पहले ही स्थगित की जा चुकी हैं। इसके चलते वार्षिक अकादमिक कैलेंडर पहले ही अस्त-व्यस्त हो चुका है। कई स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के जरिये पठन-पाठन की प्रक्रिया अपना रहे हैं, लेकिन इस बारे में कोई एकसमान नीति नहीं है।
दैनिक जागरण के अनुसार, एनसीईआरटी के वैकल्पिक कैलेंडर में सप्ताह आधारित योजना बनाई गई है, जिसमें पठन-पाठन की रोचक गतिविधियों को शामिल किया गया है और पाठ्यक्रम अथवा पाठ्यपुस्तक में किसी चैप्टर की थीम से इसे संबद्ध किया गया है। सीबीएसई की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि वह केवल उन्हीं 29 विषयों की परीक्षाएं कराएगा जो बच्चों की अगली कक्षा में प्रोन्नति अथवा उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आवश्यक हैं।
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