7 किमी पैदल चल हॉस्पिटल पहुंची गर्भवती महिला, जन्म के बाद बच्चे में नहीं थी जान, डेंटिस्ट के प्रयास से हुआ जिंदा
कोरोना की वजह से पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। हालांकि जरूरी सेवाओं को इससे अलग रखा गया है।
कोरोना की वजह से पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। हालांकि जरूरी सेवाओं को इससे अलग रखा गया है। इस बीच कर्नाटक के बेंगलुरू में एक गर्भवती महिला लगभग सात किलोमीटर पैदल चलकर एक डेंटिस्ट के अस्पताल पहुंची, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्चे की स्थिति को देख डॉक्टरों को लगा कि वह मर चुका है। इसके बाद डॉक्टरों ने कोशिश की और बच्चे में फिर से जान आई।
लाइव हिंदुस्तान के अनुसार, डेंटिस्ट डॉ. राम्या ने बताया, 'ये एक प्रीमेच्योर बेबी था। महिला 5-7 किमी तय कर यहां पहुंची थी।10 मिनट के अंदर उनकी डिलीवरी हो गई। डिलीवरी के बाद देखा गया कि बच्चा जिंदा नहीं है। हमारी कोशिशों के बाद बच्चें में फिर जान आई। दोनों स्वस्थ हैं।'
इसी प्रकार लॉकडाउन के कारण बीमार पिता को कंधे पर लाद 1KM तक दौड़ने पर मजबूर हुआ एक बेटा कोरोना वायरस के कहर के बीच
कोरोना वायरस के कहर के बीच एक बेटे को अपने बीमार पिता को अपने कंधे पर लादकर एक किलोमीटर तक पैदल इसलिए चलना पड़ा, क्योंकि पुलिसवाले ने उन्हें अस्पताल तक ऑटोरिक्शा लाने नहीं दिया। दरअसल, केरल का यह शख्स अपने 65 वर्षीय बीमार पिता को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद ऑटोरिक्शा में घर ले जाना चाहता था, मगर पुलिसकर्मी ने लॉकडाउन का हवाला देकर ऑटो लाने की अनुमति नहीं दी, जिसकी वजह से उसे अस्पाताल से निकल एक किलोमीटर तक पिता को गोद में उठाकर पैदल चलना पड़ा।
इंसानियत पर सवाल खड़े करने वाली यह घटना केरल के पुनालुर इलाके की है। यह घटना बुधवार की है, जब पुलिस की इस हरकत की वजह से शख्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कोरोना की वजह से पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। हालांकि जरूरी सेवाओं को इससे अलग रखा गया है। इस बीच कर्नाटक के बेंगलुरू में एक गर्भवती महिला लगभग सात किलोमीटर पैदल चलकर एक डेंटिस्ट के अस्पताल पहुंची, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्चे की स्थिति को देख डॉक्टरों को लगा कि वह मर चुका है। इसके बाद डॉक्टरों ने कोशिश की और बच्चे में फिर से जान आई।
लाइव हिंदुस्तान के अनुसार, डेंटिस्ट डॉ. राम्या ने बताया, 'ये एक प्रीमेच्योर बेबी था। महिला 5-7 किमी तय कर यहां पहुंची थी।10 मिनट के अंदर उनकी डिलीवरी हो गई। डिलीवरी के बाद देखा गया कि बच्चा जिंदा नहीं है। हमारी कोशिशों के बाद बच्चें में फिर जान आई। दोनों स्वस्थ हैं।'
इसी प्रकार लॉकडाउन के कारण बीमार पिता को कंधे पर लाद 1KM तक दौड़ने पर मजबूर हुआ एक बेटा
कोरोना वायरस के कहर के बीच एक बेटे को अपने बीमार पिता को अपने कंधे पर लादकर एक किलोमीटर तक पैदल इसलिए चलना पड़ा, क्योंकि पुलिसवाले ने उन्हें अस्पताल तक ऑटोरिक्शा लाने नहीं दिया। दरअसल, केरल का यह शख्स अपने 65 वर्षीय बीमार पिता को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद ऑटोरिक्शा में घर ले जाना चाहता था, मगर पुलिसकर्मी ने लॉकडाउन का हवाला देकर ऑटो लाने की अनुमति नहीं दी, जिसकी वजह से उसे अस्पाताल से निकल एक किलोमीटर तक पिता को गोद में उठाकर पैदल चलना पड़ा।
इंसानियत पर सवाल खड़े करने वाली यह घटना केरल के पुनालुर इलाके की है। यह घटना बुधवार की है, जब पुलिस की इस हरकत की वजह से शख्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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