कोरोना महामारी की मार से तेल बाजार ध्वस्त, 1 डॉलर प्रति बैरल पहुंची तेल की कीमत
कोरोना वायरस महामारी के कारण मांग में भारी गिरावट से अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के वायदा भाव ने सोमवार को अपना ऐतिहासिक निम्नतम स्तर छू दिया।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मांग में भारी गिरावट से अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के वायदा भाव ने सोमवार को अपना ऐतिहासिक निम्नतम स्तर छू दिया। महामारी से बाजार की हालत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोमवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड ने 0.97 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर को छू दिया। कोरोना वायरस महामारी के कारण मांग निचले स्तर पर पहुंचने से अमेरिका की स्टोरेज फसिलिटीज के जल्द फुल होने तथा सेल कंपनियों के बद्तर नतीजे आने की आशंका से तेल की कीमतों में यह गिरावट दर्ज की गई है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 2.6% की गिरावट के साथ 27.35 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंंच गया। वहीं, डब्ल्यूटीआई वायदा 0.97 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
एनबीटी के अनुसार, आईएनजी के कमोडिटीज स्ट्रैटिजी के हेड वॉरेन पैटरसन ने कहा, 'मई का कॉन्ट्रैक्ट कल समाप्त होने वाला है और जून के कॉन्ट्रैक्ट में पहले से ही काफी ज्यादा तेल बचा हुआ है।' अमेरिका की स्टोरेज फैसिलिटीज खासकर ओकलहोमा में तेल की मात्रा बढ़ रही है, क्योंकि रिफाइनर्स कम मांग की समस्या से जूझ रहे हैं। ऑइल मार्केट्स के हेड जॉर्नर टॉनहाउगन ने कहा, 'उत्पादन जारी रहने से भंडार जल्द ही भर जाएगा। दुनिया में तेल की खपत बहुत तेजी से घटी है और इसका असर तेल की कीमतों पर देखने को मिलेगा।'
कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर में लॉकडाउन और यात्रा पर पाबंदी चल रही है। इसके कारण क्रूड की मांग में भारी गिरावट आई है। सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वॉर शुरू होने से तेल की कीमत गिरावट और गहरा गई। हालांकि, इस महीने के शुरू में दोनों देशों तथा कुछ अन्य देशों ने मिलकर तेल की कीमत बढ़ाने के लिए उत्पादन में करीब 1 करोड़ बैरल रोजाना की कटौती करने का फैसला किया, लेकिन कीमत में गिरावट जारी है। विश्लेषकों का कहना है कि मांग में जितनी गिरावट आई है, उत्पादन उसके अनुरूप नहीं घटाया जा रहा है।
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