भारत में 48 मंजिला इमारत ढह जाने का दोष खराब सामग्रियों का है, डिजानर का नहीं
गत वर्ष भारत के किसी एक शहर में 48 मंजिले की एक निर्माणाधीन इमारत अचानक ढह गयी। सौभाग्यवशः दुर्घटना में किसी के जान का नुकसान नहीं हुआ।
गत वर्ष भारत के किसी एक शहर में 48 मंजिले की एक निर्माणाधीन इमारत अचानक ढह गयी। सौभाग्यवशः दुर्घटना में किसी के जान का नुकसान नहीं हुआ। पर कुछ भारतीय लोगों ने कहा कि इमारत ढ़हने का दोष चीन का है, क्योंकि चीनी डिजाइन दल ने परियोजना में भाग लिया था।
तथ्य यही है कि भारत में इस 48 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए चीनी डिजाइन दल का परामर्श किया गया। इसलिये इमारत ढ़ह जाने के बाद कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि दुर्घटना का कारण जरूर ही चीनी डिजाइन की समस्या है। लेकिन तीसरे पक्ष के विशेषज्ञों की जांच-पड़ताल के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि इमारत ढ़हने का कारण डिजानिंग नहीं, बल्कि नकली सामग्रियों का प्रयोग और घटिया निर्माण का ही है। जांच-पड़ताल में शरीक अमेरिकी विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि इमारत की डिजाइन ड्राइंग के साथ कोई समस्या नहीं है। पर इमारत के निर्माण में खराब सामग्रियों के प्रयोग से इमारत की संरचनात्मक ताकत कम हो गयी। जिस वजह से इमारत ढ़ह गई।
चाइना रेडियो इंटरनेशनल के अनुसार, उधर, चीनी कंपनियों ने इधर के वर्षों में अनेक देशों में भारी परियोजनाओं का निर्माण किया है और उनमें किसी भी इमारत की गुणवत्ता में कोई समस्या नहीं आयी। चीनी कंपनियों ने अपनी अच्छी गुणवत्ता के बल पर प्रतिष्ठा पायी है। चीन और भारत दोनों नव उभरती शक्तियां हैं, जो नयी शताब्दी में अपने राष्ट्रीय पुनरुत्थान के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। आशा है कि वे निष्पक्ष तौर पर एक दूसरे को समझेंगे और अपने अपने आर्थिक विकास में और घनिष्ठ सहयोग कर सकेंगे।
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