भारतीय प्रधानमंत्री की प्रेरणा देने वाली पहल, पड़ोसी देशों के साथ मिलकर कोरोना की चुनौतियों से किया जाए सामना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन अर्थात दक्षेस के सदस्य देशों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जो संपर्क-संवाद कायम किया, वह दक्षिण एशिया के साथ-साथ पूरी दुनिया को प्रेरणा देने वाली पहल है।
चीन की धरती से उपजे कोरोना वायरस के संक्रमण ने जिस तरह पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, वह समस्त मानवता के लिए एक गंभीर संकट बन गया है। इस संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन अर्थात दक्षेस के सदस्य देशों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जो संपर्क-संवाद कायम किया, वह दक्षिण एशिया के साथ-साथ पूरी दुनिया को प्रेरणा देने वाली पहल है।
दैनिक जागरण के अनुसार, इस पहल के जरिये भारतीय प्रधानमंत्री ने अपनी नेतृत्व क्षमता के साथ-साथ दूरदर्शिता का भी परिचय दिया है। निश्चित रूप से कोरोना वायरस का संक्रमण एक ऐसा संकट है, जिसमें पूरी दुनिया को हर स्तर पर एकजुटता दिखाने और साथ ही सभी का सहयोग करने की जरूरत है।
दक्षेस देशों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की वीडियो कांफ्रेंस ने इसी जरूरत को रेखांकित किया है, लेकिन यह अच्छा नहीं हुआ, कि इस कांफ्रेंस में जब अन्य सभी देशों के शासनाध्यक्षों ने भाग लिया तब पाकिस्तान ने एक तरह से अनमने ढंग से हिस्सा लिया। दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी वाले दक्षिण एशिया का एक प्रमुख देश होने के नाते भारत का यह दायित्व बनता है कि वह अपने साथ-साथ पड़ोसियों की भी चिंता करे। यह वही भाव है जो वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिन: के मंत्र से उपजा है। यह अच्छी बात है कि मोदी ने जैसी पहल दक्षिण एशियाई देशों को साथ लेकर की वैसी ही जी-20 देशों के साथ भी करने का प्रस्ताव दिया।
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