भारत में कोरोना वायरस के नए मरीजों के आने के बाद भारतीय सरकार की पैनी नजर
देश में कोरोना वायरस से ग्रसित नए मरीजों के सामने आने के बाद सरकार इसे फैलने से रोकने की हर संभव कोशिश में जुटी है।
देश में कोरोना वायरस से ग्रसित नए मरीजों के सामने आने के बाद सरकार इसे फैलने से रोकने की हर संभव कोशिश में जुटी है। इसके तहत वायरस से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले एक-एक व्यक्ति और फिर उन व्यक्तियों के संपर्क में आने वालों तक की निगरानी रखी जा रही है। उनमें से किसी में भी वायरस से संक्रमण की आशंका पाए जाने पर उन्हें अलग-थलग बार्ड में विशेष निगरानी में रख दिया गया है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर जिला व स्थानीय प्रशासन तक की ईकाई को सक्रिय कर दिया गया है, ताकि निगरानी की पूरी कड़ी को बरकरार रखा जा सके। कोरोना वायरस को लेकर सख्त निगरानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली में इससे ग्रसित व्यक्ति के अलावा उसके व उसके परिवार के संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों की तत्काल पहचान कर उनपर निगरानी शुरू कर दी गई है।
दैनिक जागरण के अनुसार, बताया जाता है कि 20 फरवरी को इटली से आने वाले संक्रमित व्यक्ति ने दिल्ली के फाइव स्टार होटल में अपने बेटे के जन्मदिन की पार्टी दी थी, जिसमें आगरा के छह लोग भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही नोएडा के दो स्कूल में पढ़ने वाले पांच बच्चे भी पार्टी में शामिल थे। पार्टी में शामिल आगरा के सभी लोगों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में विशेष निगरानी में रखा गया है। इसके साथ ही नोएडा के दोनों स्कूलों में जिला चिकित्सा अधिकारियों ने दौरा कर हालात का मुआयना किया और इसके बाद इन दोनों स्कूलों को वायरस मुक्त करने के लिए कुछ दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक भारत के भीतर कोरोना से किसी के ग्रसित होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। कोरोना से ग्रसित सभी छह व्यक्ति विदेशी धरती पर वायरस से ग्रसित होने के बाद भारत में आए थे। केरल में जो तीन व्यक्ति कोरोना से पूरी तरह ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, उनके संपर्क में आने वालों पर भी ऐसी ही निगरानी रखी गई थी और वायरस को फैलने से पूरी तरह रोकने में सफलता मिली थी। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश आगे भी इसे कायम रखने की है।
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