नासा मंगल और चंद्रमा पर फफूंद से घर बनाना चाहता है, ताकि अंतरिक्ष यात्री वहां रह सकें
नासा मंगल और चंद्रमा जैसे दूसरे ग्रहों पर 'फ्यूचर होम' बनाने की तकनीक पर काम कर रहा है। इसके वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर टेस्ट कामयाब रहे, तो फफूंद से घर बनाया जा सकता है।
नासा मंगल और चंद्रमा जैसे दूसरे ग्रहों पर 'फ्यूचर होम' बनाने की तकनीक पर काम कर रहा है। इसके वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर टेस्ट कामयाब रहे, तो फफूंद से घर बनाया जा सकता है। इसके लिए वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों की मिट्टी पर मसेलिया कवक विकसित करने की संभावना तलाश रहे हैं और कुछ हद तक कामयाबी भी मिली है।
दैनिक भास्कर के अनुसार, दावा है कि फन्जाई (कवक) और जमीन के नीचे पाए जाने वाले थ्रेड्स जो फफूंद (मायसेलिया भी कहते हैं) को बनाते हैं, की मदद से दूसरे ग्रहों पर घर बनाने की तकनीक को विकसित किया जा सकता है। इस अध्ययन को माइको-आर्किटेक्चर प्रोजेक्ट के तहत अंजाम दिया जा रहा है, जिसे नासा इनोवेटिव एडवांस्ड कॉन्सेप्ट (एनआईएसी) फंडिंग कर रही है।
शोधकर्ताओं ने मायसेलिया फफूंद से ईंट और स्टूल बनाने में कामयाबी हासिल की है। माइको-आर्किटेक्चर प्रोजेक्ट के तहत स्टेनफोर्ड और ब्राउन यूनिवर्सिटीज की टीम ने 2018 में मायसेलिया फंगस को हफ्ते विकसित कर एक स्टूल तैयार किया था। यह दिखने में ऐसा लगता है कि कोई इसे लंबे वक़्त तक रेफ्रिरेजटर में रखकर भूल गया हो। इसके अलावा, मायसेलिया फफूंद में लकड़ी का भूरा मिलाकर ईटें बनाई थीं।
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