भारतीय केन्द्रीय मंत्री ने कहा,हम बच्चों की शिक्षा एवं भविष्य को लेकर चिंतित हैं
कोरोना संकट काल में बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावकों से बात करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सोमवार को खुद ही मैदान में उतरे।
कोरोना संकट काल में बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावकों से बात करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सोमवार को खुद ही मैदान में उतरे। इस दौरान उन्होंने सभी को विश्वास दिलाते हुए कहा कि वह बच्चों के भविष्य और पढ़ाई को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसे लेकर ऑनलाइन पढ़ाई सहित सभी जरूरी उपाय किए जा रहे है। किताबों की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी के पास किताबों की कोई कमी नहीं है। सभी राज्यों को पर्याप्त मात्रा में भेज दी गई है। मांग आने पर और भी भेजी जाएगी।
दैनिक जागरण के अनुसार निशंक सोमवार को फेसबुक, ट्वीटर सहित सोशल मीडिया के दूसरे माध्यमों के जरिए देश भर के अभिभावकों से ऑनलाइन सीधे बात कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान अभिभावकों के सवालों का जवाब भी दिया। साथ ही कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जब तक स्कूल नहीं खुल रहे है, तब तक वह बच्चों को ऑनलाइन लग रही कक्षाओं से घर पर ही पढ़ाएं। साथ ही बताया कि यह कक्षाएं सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्मो के साथ टीवी और रेडियो पर भी लग रही है। कोई भी छात्र इसके माध्यम से पढ़ाई कर सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान सीबीएसई की बची हुई दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर किए सवाल का भी जवाब दिया और कहा जैसे ही हालात सामान्य होंगे, वह सभी 29 मुख्य विषयों की परीक्षाएं कराएंगे। किताबों की दुकानों के न खुलने के सवाल का भी उन्होंने जवाब दिया और कहा कि किताबों को खोलने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश जारी किया है। जल्द ही वह खुलेंगी। इसी तरह यूजीसी ने भी अपना एक एकेडमिक कैलेंडर और परीक्षाओं को लेकर पूरा प्लान तैयार करने के लिए कमेटी गठित की थी। जिसके सुझाव आ चुके है। जिन्हें जल्द ही वह अंतिम रूप देकर जारी करेगी। केंद्रीय मंत्री के साथ इस चर्चा में देश भर से 20 हजार से ज्यादा अभिभावक जुड़े थे। इनमें बड़ी संख्या में लोगों ने उनके प्रयासों के सराहा है।
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