भारत में नहीं रुक रहे विदेशी निवेशक, अप्रैल में अब तक 10347 करोड़ रु निकाले
कोरोनावायरस महामारी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अब तक भारतीय कैपिटल बाजार से 10,347 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं।
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अब तक भारतीय कैपिटल बाजार से 10,347 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। कोरोना संकट के बीच विदेशी निवेशक भारत में नहीं रुक रहे हैं। ये सिलसिला पिछल कई हफ्तों से जारी है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार 1 से 24 अप्रैल के बीच विदेशी निवेशकों ने इक्विटी से 6,822 करोड़ रुपये और डेब्ट सेगमेंट से 3,525 करोड़ रुपये निकाले हैं। यानी 24 अप्रैल तक विदेशी निवेशकों ने कुल 10,347 करोड़ रुपये भारतीय बाजारों से निकाल लिए। भारत सरकार ने वायरस को फैलने से रोकने और राहत पैकेज जैसे उपाय किए हैं, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिक्विडिटी बढ़ाने के फैसलों से निवेशकों के बीच अच्छा संकेत गया है। ऐसे में जोखिमों के बने रहने पर एफपीआई बाजारों में वेट-एंड-वॉच नजरिया अपना सकते हैं।
Good returns Hindi के अनुसार, अप्रैल में विदेशी निवेशकों द्वारा निकाली गई निवेश राशि मार्च के मुकाबले काफी कम है। मार्च में विदेशी निवेशकों ने भारतीय इंक्विटी और डेब्ट बाजारों से रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये की निवेश राशि निकाल ली थी। इसकी एक खास वजह है। दरअसल इमर्जिंग बाजारों को आम तौर पर जोखिम भरे निवेश वाली जगह माना जाता है जहां उच्च अस्थिरता का खतरा भी होता है। जबकि दुनिया कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों से होने वाले नुकसान के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी का सामना कर रही है, एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं। मगर लंबी अवधि के लिए वे डॉलर और गोल्ड जैसी सुरक्षित जगहों की तरफ बढ़ सकते हैं।