भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी बनीं महिलाओं की विश्व रैपिड चैंपियन
भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने महिला विश्व रैपिड चैंपियनशिप में चीन की लेई टिंगजी को टाईब्रेक की सीरीज में हराकर खिताब अपने नाम किया।
भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने महिला विश्व रैपिड चैंपियनशिप में चीन की लेई टिंगजी को टाईब्रेक की सीरीज में हराकर खिताब अपने नाम किया। हंपी विश्व महिला रैपिड चैंपियन बनीं तो नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने पुरुष वर्ग का खिताब अपने नाम कर किया।
भारतीय समाचार पत्र जागरण के अनुसार, 32 वर्षीय हंपी ने शानदार वापसी की और 12वें और अंतिम दौर में एक अन्य चीनी खिलाड़ी टांग झोंगई को हराकर टाइब्रेकर में जगह बनाई। उन्होंने प्रत्येक दौर में नौ अंक जुटाए, जिससे वह टिंगजी के साथ बराबरी पर थीं। दोनों के बीच फिर आर्मेगेडोन गेम से विजेता का फैसला हुआ। हंपी ने पहला गेम गंवाने के बाद दूसरे गेम में वापसी की और फिर निर्णायक गेम में खिताब अपने नाम किया।
हंपी ने फिडे से बातचीत में कहा, 'जब मैंने तीसरे दिन अपना पहला गेम शुरू किया तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं शीर्ष पर रहूंगी। मैं शीर्ष-3 में रहने की उम्मीद कर रही थी। मैंने टाईब्रेक गेम खेलने की उम्मीद नहीं की थी। मैंने पहला गेम गंवा दिया, लेकिन दूसरे गेम में वापसी की। यह गेम बहुत जोखिम भरा रहा, लेकिन मैंने इसमें जीत हासिल की। अंतिम गेम में मैं बेहतर स्थिति में थी और फिर मैंने आसानी से जीत हासिल की।' भारत की सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टर रह चुकीं हंपी ने साल 2016 में शतरंज से विराम लेने का फैसला किया था। इसके बाद हंपी मां बन गईं और शतरंज से दो साल तक दूर रहीं। इसके बाद 2018 में उन्होंने वापसी की और जल्द ही उन्होंने अपनी वापसी को शानदार बनाया। उन्होंने स्कोलोवो महिला जीपी जीता और अब विश्व रैपिड चैंपियन बनी हैं।