कोई नहीं कर सकता भारतीय रेलवे का निजीकरण, सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं- रेल मंत्री पीयूष गोयल
रेलवे के निजीकरण की विपक्ष की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज साफ किया कि इसका 'कोई निजीकरण कर ही नहीं सकता, और इसके निजीकरण का कोई मतलब नहीं है'।
रेलवे के निजीकरण की विपक्ष की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज साफ किया कि इसका 'कोई निजीकरण कर ही नहीं सकता, और इसके निजीकरण का कोई मतलब नहीं है'। उन्होंने कहा कि ‘राजनीतिक लाभ के लिए नई ट्रेनों का सपना दिखाने’ के बजाय नरेन्द्र मोदी सरकार ने सुविधाएं और निवेश बढ़ाने के लिए पीपीपी आमंत्रित करने का इरादा किया है।
ABP के अनुसार लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर बृहस्पतिवार को देर रात तक चली चर्चा का आज जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, ‘मैं बार-बार कह चुका हूं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि, लेकिन कोई सुविधा बढ़ाने की बात करे, प्रौद्योगिकी लाने की बात करे, कोई नया स्टेशन बनाने की बात करे, कोई हाई स्पीड, सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की बात करे, स्टेशन पर सुविधा बढ़ाने की बात करे तो इसके लिये निवेश आमंत्रित किया जाना चाहिए।
पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे में सुविधा बढ़ाने, गांवों और देश के विभिन्न क्षेत्रों को रेल सम्पर्क से जोड़ने के लिये बड़े निवेश की जरूरत है। अच्छी सुविधा, सुरक्षा, हाई स्पीड आदि के लिये निजी सार्वजनिक साझेदारी (पीपीपी) को प्रोत्साहित करने का सरकार ने निर्णय लिया है।
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