लॉकडाउन से भारत को हो सकता है 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, अर्थव्यवस्था को चाहिए राहत पैकेज
भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है. लेकिन बार्कलेज (Barclays) की रिपोर्ट का कहना है कि इससे देश को 12,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 9 लाख करोड़) का नुकसान हो सकता है.
नई दिल्ली. भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है. लेकिन बार्कलेज (Barclays) की रिपोर्ट का कहना है कि इससे देश को 12,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 9 लाख करोड़) का नुकसान हो सकता है. ये देश की जीडीपी का 4 फीसदी होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब देश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए पैकेज की घोषणा करने की आवश्यकता है.
बार्कलेज की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 हफ्ते यानी 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से भारत को 9000 करोड़ डॉलर (करीब 6.75 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होगा. लेकिन महाराष्ट्र जैसे कई बड़े राज्य कई दिन पहले से ही बंद हो गए हैं. इसलिए ये नुकसान और ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार राहत पैकेज देती है तो ऐसे में वित्तीय घाटा बढ़कर 5 फीसदी के पार पहुंच सकता है.
राहत पैकेज को लेकर जल्द हो सकती है घोषणा- भारतीय रिजर्व बैंक की 3 अप्रैल को होने वाली समीक्षा बैठक में ब्याज दरें घटाने पर फैसला हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश के तीन सप्ताह के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कई बड़ेे ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी है।