कोरोना वायरस के लिए वैज्ञानिकों को जल्द टीका बनाने की उम्मीद
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अपना रूप नहीं बदल रहा है। जो शोधकर्ताओं के लिए अच्छी खबर है क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि इससे वह लंबे समय तक चलने वाला टीका बना सकते हैं।
वैश्विक महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस के कारण अब तक दुनिया में 18605 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत की बात करें तो इस बीमारी ने 11 लोगों की जान ले ली है। वहीं इस वायरस के जेनेटिक कोड पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अपना रूप नहीं बदल रहा है। जो शोधकर्ताओं के लिए अच्छी खबर है क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि इससे वह लंबे समय तक चलने वाला टीका बना सकते हैं।
अमर उजाला के अनुसार, वैज्ञानिक अब वायरस के 1,000 विभिन्न नमूनों का अध्ययन कर रहे हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में मॉल्यूकल जेनेटिस्ट पीटर थीलन वायरस का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में संक्रमित लोगों और वुहान में फैलने वाले मूल वायरस के बीच केवल चार से 10 आनुवंशिक अंतर हैं।
थीलन ने कहा, 'बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लेने के बावजूद इस वायरस में बहुत कम अनुवांशिक अंतर आया है। ऐसे में उम्मीद है कि सार्स-कोव-2 के लिए एक ही टीका बनाया जा सकता है, जबकि फ्लू के लिए हर साल नया टीका बनाना पड़ता है। यह खसरे या चिकनपॉक्स के टीकों की तरह होगा। कुछ ऐसा जो लंबे समय तक रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएगा।'
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