जलवायु परिवर्तन का असर: 38 साल का रिकॉर्ड टूटा, अंटार्कटिका का तापमान पहली बार 20 डिग्री के पार
जलवायु परिवर्तन का असर दक्षिण ध्रुव अंटार्कटिका में दिखने लगा है। अंटार्कटिका पहली बार तापमान 20.75 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। यह तापमान नौ फरवरी को अंटार्कटिका के सेमूर द्वीप बने शोध स्टेशन पर मापा गया था।
जलवायु परिवर्तन का असर दक्षिण ध्रुव अंटार्कटिका में दिखने लगा है। अंटार्कटिका पहली बार तापमान 20.75 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। यह तापमान नौ फरवरी को अंटार्कटिका के सेमूर द्वीप बने शोध स्टेशन पर मापा गया था।
लाइव हिन्दुस्तान के अनुसार, इससे पहले साइनी द्वीप पर जनवरी 1982 में 19.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था। ब्राजीलियन शोधकर्ता कार्लोस शिफर ने बताया कि इसे धरती के गर्म होने को लेकर चेतावनी के तौर पर जरूर देखा जा सकता है।
अंटार्कटिका स्थित दूरस्थ इलाकों में स्थित शोध स्टेशनों में हर तीन दिन में तापमान मापा जाता है। वैज्ञानिकों ने इस बढ़ोतरी को आश्चर्यजनक और असामान्य करार दिया है। शिफर यह भी कहते हैं कि अंटार्कटिका के साउथ शेटलैंड आइलैंड और जेम्स रॉस द्वीपसमूह में 20 सालों में तापमान में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। 21वीं सदी का पहला दशक तो ठंडा रहा, लेकिन दूसरे दशक में गर्मी तेजी से बढ़ी है।
ब्राजीलियन अंटार्कटिका प्रोग्राम से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण ध्रुव में तापमान में इजाफा समुद्री जलधाराओं और अल नीनो प्रभाव के चलते हो सकता है। इस समय वायुमंडल में जलवायुवीय बदलाव देखे जा रहे हैं, इनसे भी ध्रुवों का तापमान बढ़ सकता है। अंटार्कटिका क्षेत्र में दुनिया का 70 फीसदी ताजा पानी है। अगर यहां के सभी ग्लेशियर पिघल गए तो समुद्र तल 50-60 मीटर ऊपर हो जाएगा।
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