अमेरिका ने एकीकृत वायुरक्षा हथियार प्रणाली की बढ़ाई कीमत, चिंता में भारत
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से ठीक पहले अमेरिका ने भारत को एकीकृत वायुरक्षा हथियार प्रणाली (आईएडीडब्लूएस) बेचने की मंजूरी दे दी है। मगर इसे लेकर भारत चिंता में है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से ठीक पहले अमेरिका ने भारत को एकीकृत वायुरक्षा हथियार प्रणाली (आईएडीडब्लूएस) बेचने की मंजूरी दे दी है। मगर इसे लेकर भारत चिंता में है। बता दें भारत करीब 1.867 अरब डॉलर का यह सौदा दिल्ली को विमान, क्रूज मिसाइल या ड्रोन हमलों से सुरक्षित करने के लिए कर रहा है।
अमर उजाला के अनुसार, जुलाई 2018 मे डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने मिसाइल शील्ड प्रॉजेक्ट के लिए एक अरब डॉलर यानी करीब 7156 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी थी। सरकार से जुड़े सुत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि अमेरिका ने करीब 1.9 अरब डॉलर (13,590 करोड़ रुपये) में इस प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी है। हम लोग इसके लिए जितने का अनुमान लगा रहे थे, यह उसका करीब दोगुना है। हम सौदे की बहुत ज्यादा कीमत को लेकर चिंतित हैं और हम दूसरे विकल्पों को भी खंगाल सकते हैं।
यह सौदा भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ ही अमेरिका, भारत तथा अन्य सहयोगियों के बीच सहयोग को मजबूती देगा। विदेश विभाग ने बताया है कि भारत एक आईएडीडब्लूएस खरीदना चाहता है। साथ ही पांच एएन/एमपीक्यू-64एफ1 राडार सिस्टम, 118 एएमआरएएएम-एआईएम-120सी-7 और सी-8 मिसाइल, 134 एमआईएम-92एल मिसाइल सहित कई अन्य हथियारों और उपकरणों की खरीद का भी अनुरोध किया है।.