संयुक्त राष्ट्र:जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करना जरूरी है
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि यूरोपीय संघ, अमेरिका, चीन, भारत, जापान और रूस दुनिया में ग्रीन हाउस गैसों के ‘बड़े उत्सर्जकों’ में शामिल हैं और उन्हें ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने तथा 2050 तक ‘कार्बन न्यूट्रेलिटी’ हासिल कर
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि यूरोपीय संघ, अमेरिका, चीन, भारत, जापान और रूस दुनिया में ग्रीन हाउस गैसों के ‘बड़े उत्सर्जकों’ में शामिल हैं और उन्हें ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने तथा 2050 तक ‘कार्बन न्यूट्रेलिटी’ हासिल करने के अपने वादों का सम्मान करना चाहिए तथा उन्हें पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करने में असफल रहते हैं तो वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव होगा।
Sanmarg Hindi Daily के अनुसार, गुतारेस ने हालांकि, रेखांकित किया कि इससे होने वाले खतरों को लेकर जागरुकता बढ़ रही है और सरकारों तथा निजी क्षेत्र के लोगों द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए की जा रही घोषणाएं ‘अच्छी खबरों’ की तरह आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगा कि संभवत: हमें दुनिया के ज्यादातर देशों के बारे में सोचना होगा। वर्ष 2019 में हमने देखा कि लगभग हर जगह उत्सर्जन बढ़ा है।’ गुतारेस ने कहा, ‘हमने देखा कि कई देशों ने पेरिस में हुए सम्मेलन में किए गए वादों का सम्मान नहीं किया है। अब सवाल यह है कि 70 देशों द्वारा लिए गए इस फैसले का क्या सभी देश सम्मान करेंगे।’