भारतीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन: कोरोना से लड़ाई में कारगर होगा 'सोशल वैक्सीन' फॉर्मूला
देश के लगभग सभी राज्य इस समय कोरोना महामारी की चपेट में हैं. देश में कोरोना मरीजों की संख्या अब तक 9,352 हो गई है.
देश के लगभग सभी राज्य इस समय कोरोना महामारी की चपेट में हैं. देश में कोरोना मरीजों की संख्या अब तक 9,352 हो गई है. इनमें से 980 लोग ठीक हुए हैं, तो वहीं इस बीमारी से 324 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना वायरस और इसे लेकर भारत की तैयारी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 'आजतक' से विस्तार में बातचीत की.
डॉ हर्षवर्धन ने 'आजतक' पर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को फ्रंट से लीड कर रहे हैं. पहले ही दिन से वे इस संक्रमण के विस्तार को वैज्ञानिकों की तरह समझने की कोशिश कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके खिलाफ लड़ाई लंबी भी हो सकती है, क्योंकि अभी कोई दवाई या वैक्सीन सारी दुनिया ढूंढ नहीं पाई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आज की परिस्थिति में प्रधानमंत्री ने जो लॉकडाउन का निर्णय लिया है, वो 135 करोड़ लोगों के इस देश में बहुत ही विजनरी फैसला था. इस फैसले के लिए उस प्रकार की हिम्मत चाहिए थी. उन्होंने कहा, इतने समय में जितना हमने प्रधानमंत्री को समझा है, वो देशहित में कठोर फैसला लेने में एक मिनट की भी देरी नहीं करते हैं, हमने जनता कर्फ्यू भी देखा और लॉकडाउन भी देखा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कोविड-19 के खिलाफ हमारे पास कोई सबसे बड़ा हथियार है तो वो केवल सोशल डिस्टेंसिंग और आज के परिपेक्ष्य में लॉकडाउन है, इसलिए मैंने इसे सोशल वैक्सीन की संज्ञा दी है.
अगर आज कोविड-19 से बचना है, तो सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन इन दोनों को जोड़कर हमको इस सोशल वैक्सीन का आदर करना पड़ेगा और इसका इस्तेमाल करना पड़ेगा, तभी हम अधिकांश लोगों को इस वायरस से बचा पाएंगे. डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, हमारा दुश्मन कोविड-19 देश में कहां-कहां है, किस मात्रा में है और इसके खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हमें क्या-क्या करना है इन सबकी जानकारी हमारे पास है. हमारे कोरोना वरियर्स, सर्विलांस टीम, डॉक्टर्स, एडमिनिस्ट्रेशन के हेल्थ ऑफिसर्स पूरी गहराई और गंभीरता के साथ इस लड़ाई को लड़ रहे हैं.
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