दक्षिण भारत में कड़ाके की ठंड से बढ़ी चाय उद्योग की परेशानी
केरल और तमिलनाडु में पाला पड़ने से चाय की फसल को नुकसान पहुंचा है।
केरल और तमिलनाडु में पाला पड़ने से चाय की फसल को नुकसान पहुंचा है। चाय उद्योग पहले से ही कम उत्पादन और दाम में स्थिरता की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में इस नई समस्या ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। केरल के चाय बागानों को पिछले साल पाले की गंभीर मार के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस साल सर्द हवाएं कुछ हफ्तों की देरी से बहनी शुरू हुईं, लेकिन इसने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया है।
NBT News के अनुसार, केरल के मन्नार स्थित कानन हिल प्लांटेशंस (KDHP) के एमडी मैथ्यू अब्राहम ने बताया, 'पिछले कुछ दिनों में तापमान शून्य के नीचे चला गया था। अभी तक इससे करीब 20 हेक्टेयर की फसल को नुकसान पहुंचा है।' उन्होंने बताया, 'आमतौर पर ठंड का मौसम फरवरी के मध्य तक रहता है। ऐसे में हमें अभी इंतजार करना होगा। पिछले साल हमने अब तक का सबसे गंभीर पाला पड़ते हुए देखा, जिससे 900 हेक्टेयर की फसल की बर्बाद हो गई थी।' KDHP के पास 24,000 हेक्टेयर में फैले चाय बागान है और वह दक्षिण भारत की सबसे बड़ी टी कंपनी है।
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