भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा टेलीकॉम कंपनियों को चुकाना होगा बकाया एजीआर
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को साफ तौर पर कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया एजीआर (AGR) का भुगतान करना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को साफ तौर पर कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया एजीआर (AGR) का भुगतान करना होगा और अब इस मुद्दे पर किसी भी तरह की आपत्ति पर किसी तरह की सुनवाई नहीं की जाएगी। शीर्ष न्यायालय ने कोर्ट की अनुमति के बिना टेलीकॉम कंपनियों द्वारा बकाया राशि के खुद से किए गए आकलन को लेकर भी सॉलिसिटर जनरल से सवाल किए। शीर्ष न्यायालय ने इसे अदालत की अवमानना करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि टेलीकॉम कंपनियां पिछले 20 साल से लोगों के पैसे नहीं चुका रही हैं और अब मीडिया के जरिए लोगों की राय को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।
दैनिक जागरण के अनुसार, शीर्ष न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि AGR की बकाया राशि को लेकर कोर्ट के खिलाफ किसी तरह की फर्जी खबर के प्रकाशन पर वह टेलीकॉम कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करेगा। न्यायालय ने कहा कि एजीआर की बकाया राशि के खुद से आकलन के जरिए टेलीकॉम कंपनियां गंभीर धोखाधड़ी कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एजीआर की बकाया राशि को लेकर कोर्ट का फैसला पूर्ण और अंतिम है और इसका अक्षरशः पालन होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई के दिन अखबारों में एजीआर बकाया को लेकर आलेखों के प्रकाशन से न्यायलय प्रभावित नहीं होंगे। SC ने कहा कि कंपनियों को एजीआर बकाया राशि के खुद से आकलन की अनुमति देने के लिए वह दूरसंचार सचिव और अन्य डेस्क ऑफिसर्स को सम्मन कर सकता है।
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