भारत में हर युवा की ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद, वेदांत दर्शन के पुरोधा, जिनके जन्मदिवस 12 जनवरी, 1863 को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है
स्वामी विवेकानंद, वेदांत दर्शन के पुरोधा, जिनके जन्मदिवस 12 जनवरी, 1863 को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है और पूरे विश्व में जिन्होंने भारतीय संस्कृति, जीवन दर्शन और गौरव की दुदुंभि बजाई और सारा यूरोप जिनके चरणों में लोट-पोट गया। आज भारत की युवा ऊर्जा अंगड़ाई ले रही है और भारत विश्व में सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश माना जा रहा है। इसी युवा शक्ति में भारत की ऊर्जा अंतर्निहित है।
इसीलिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020 नामक अपनी कृति में भारत के एक महान राष्ट्र बनने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की है। पर महत्व इस बात का है कि कोई भी राष्ट्र अपनी युवा पूंजी का भविष्य के लिए निवेश किस रूप में करता है। हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व देश के युवा बेरोजगारों की भीड़ को एक बोझ मानकर उसे भारत की कमजोरी के रूप में निरूपित करता है या उसे एक कुशल मानव संसाधन के रूप में विकसित करके एक स्वाभिमानी, सुखी, समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनाता है। यह हमारे राजनीतिक नेतृत्व की राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों की समझ पर निर्भर करता है। साथ ही युवा पीढ़ी अपनी ऊर्जा के सपनों को किस तरह सकारात्मक रूप में ढालती है, यह भी बेहद महत्वपूर्ण है।
प्रभा साक्षी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत दुनिया में सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है। यहां लगभग 60 करोड़ लोग 25 से 30 वर्ष के हैं, जबकि देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। यह स्थिति वर्ष 2045 तक बनी रहेगी। अपनी बड़ी युवा जनसंख्या के साथ भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई पर जा सकता है। लेकिन इस ओर भी ध्यान देना होगा कि आज देश की बड़ी जनसंख्या बेरोजगारी से जूझ रही है। केंद्र सरकार के रोजगार सृजन पर जोर के बावजूद देश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है।
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