कोरोना पर कामयाबी: देखें, दुनिया की तुलना में भारत कहां
इटली में 9 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया। अब 20 फरवरी से 30 मार्च का पहला ग्राफ देखकर लगता कि इसका कोरोना संक्रमण पर कोई खास असर नहीं हुआ। हालांकि, दूसरा ग्राफ देखने पर पता चलता है कि लॉकडाउन ने काम किया है।
इटली में 9 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया। अब 20 फरवरी से 30 मार्च का पहला ग्राफ देखकर लगता कि इसका कोरोना संक्रमण पर कोई खास असर नहीं हुआ। हालांकि, दूसरा ग्राफ देखने पर पता चलता है कि लॉकडाउन ने काम किया है। ये दोनों ग्राफ अलग-अलग स्केल, क्रमशः लीनियर और लॉग पर तैयार किए गए हैं।
लीनियर स्केल में कोरोना संक्रमितों की संख्या में पहले के मुकाबले दर्ज वृद्धि को दिखाया गया है। वहीं, लॉग स्केल में यह बताया गया है कि मरीजों की संख्या में पहले के मुकाबले गुना वृद्धि, फिर 10 गुना, फिर 10 गुना... इसी तरह 10-10 गुना वृद्धि होने की रफ्तार क्या रही। इससे स्पष्ट होता है कि इटली में लॉकडाउन के बाद भी मरीजों संख्या बढ़ी जरूर, लेकिन उसकी रफ्तार पर अंकुश लगा।
एनबीटी के अनुसार, भारत में अभी संक्रमितों का आंकड़ा 2,500 तक नहीं पहुंचा है। हालांकि, जब पहले ग्राफ को देखकर लगता है कि भारत के मुकाबले दक्षिण कोरिया की स्थिति बहुत खराब है। लेकिन, हकीकत दूसरा ग्राफ बताता है। इस ग्राफ से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया में नए मामलों की रफ्तार में बहुत गिरावट दर्ज की गई है जबकि भारत में स्थिति उलटी है।
रूस, स्वीडन, ब्राजील, पुर्तगाल, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रिया, पाकिस्तान, बेल्जियम, आयरलैंड, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, इजरायल, तुर्की और लग्जमबर्ग में भारत से भी खराब हालात हैं।
इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, थाइलैंड, रोमानिया, पॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, पानामा जैसे देशों की स्थिति भारत जैसी ही है। उन देशों में भी कोविड-19 मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
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