कोरोना से निपटने में सफल साबित हो सकती है दक्षिण कोरिया की 3T नीति :'टेस्ट', 'ट्रेस' और 'ट्रीट'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया की इस 3T नीति का जिक्र कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सबसे सफल तरीकों में से एक के रूप में बीते सोमवार को भारतीय दूतों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया की इस 3T (टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट) नीति का जिक्र कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सबसे सफल तरीकों में से एक के रूप में बीते सोमवार को भारतीय दूतों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में किया था। 3T का मतलब हुआ कि जांच करना, फिर संक्रमित व्यक्ति किस किस से मिला उसका पता लगाना और उसका इलाज करना। शिन ने कहा, कोरिया सरकार की कोविड-19 को रोकने की नीति यह है कि पुष्ट मामलों की पहचान की जाए, उनके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान की जाए, जिससे संक्रमण और न फैले और संक्रमितों का जितना जल्दी संभव हो इलाज शुरू किया जाए।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया की फिलहाल 15 हजार लोगों की जांच रोज करने की क्षमता है। यहां अभी तक चार लाख लोगों की जांच की जा चुकी है और पूरी क्षमता से यह काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, चूंकि इसकी कोई वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है, ऐसे में संक्रमितों की पहचान करना और उसे अलग करना ही सबसे व्यावहारिक और प्रभावी तरीका है। भारत में इस नीति को लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा, भारत के मामले में इसके आकार और बड़ी जनसंख्या को देखते हुए पूरे देश को लॉकडाउन करना जरूरी कदम था। फिर भी, वायरस को बड़ी जनसंख्या तक पहुंचने से रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है, कि बहुत तेज गति से जांच की जाए और ऐसे लोगों की पहचान की जाए जो वायरस से संक्रमित हैं और उन्हें क्वारंटीन किया जाए।
शिन ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में दक्षिण कोरिया सरकार भारत के साथ सभी जानकारी साझा करने के लिए पहले से ही तैयार थी। राष्ट्रपति मून जे-इन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदा ने इसे लेकर वर्चुअल जी-20 सम्मलेन में अपने-अपने विचार भी साझा किए थे। साथ ही भविष्य में दोनों देश अपनी उन्नत सूचना तकनीक, बायो और फार्मास्यूटिकल उद्दोगों की सहायता से वायरस संबंधी रोगों से लड़ने के क्षेत्र में शोध में सहयोग कर सकते हैं।