कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में स्मार्टफोन करेगा भारतीय सरकार की मदद
अब स्मार्टफोन के जरिए भी कोरोना संक्रमित मरीजों का पता लगाया जा सकता है
दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों का पता लगाने के लिए टेस्ट किए जा रहे हैं। वैसे किसी भी देश के पास इतनी किट नहीं है कि वो अपने देश के हर नागरिक का टेस्ट करके ये पता लगा सके कि वो कोरोना संक्रमित है या नहीं। इस बीच एक खबर ये भी आ रही है कि अब स्मार्टफोन के जरिए भी कोरोना संक्रमित मरीजों का पता लगाया जा सकता है, इसके लिए काम किया जा रहा है। भारत में कोरोना से लड़ रही टीमें संक्रमण की पूरी चेन का पता लगाने के लिए लगी हुई हैं। जिससे उसकी जड़ तक पहुंचा जा सके और उसे खत्म किया जा सके। अब सरकार भीड़भाड़ वाले इलाकों में मिल रहे कोरोना के संक्रमित मरीजों को लेकर खासी परेशान हो रही है, इसमें मुंबई के धारावी में एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित मिल जाने के बाद से सरकार के हाथ पांव फूल गए हैं। डीडब्ल्यूए वेबसाइट पर इस तरह की एक खबर प्रकाशित की गई है।
दैनिक जागरण के अनुसार, अब ये रणनीति बनाई जा रही है कि आखिर इतने भीड़भाड़ वाले इलाके में कैसे पता लगाया जाए कि वह किस किस से संपर्क में आया था? कोरोना से लड़ रही टीमें अपने अपने तरीकों से संपर्क में आए व्यक्तियों की सूची बनाती हैं फिर उन सबसे भी पूछताछ करती हैं कि वे लोग कहां कहां गए, किस किस से मिले? कोई चेन दिल्ली के निजामुद्दीन तक पहुंचाती है तो कोई देश के किसी और भीड़भाड़ वाले इलाके में। हर जगह यही सब किया जाता है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह काम कितना मुश्किल है।
इसीलिए यूरोप में डॉक्टर और इंजीनियर सरकारों के साथ मिल कर कुछ ऐसे ऐप बनाने में लगे हैं जो पता लगा पाएंगे कि कोरोना संक्रमित लोग कब और किससे मिले। यानि जो काम भारत में टीमें कर रही हैं वह काम इन देशों में तकनीक करेगी। आइडिया यह है कि स्मार्टफोन में लोकेशन ट्रैकर की मदद से संक्रमित व्यक्ति पर नजर रखी जाए। वैसे यह कोई नई तकनीक नहीं है।