रूस की आलोचना पर अमेरिका-भारत ने कहा, किसी को अलग करने के लिए नहीं है हिंद-प्रशांत पहल
नई दिल्ली |रूस द्वारा हिंद-प्रशांत पहल को मौजूदा क्षेत्रीय ढांचों को नुकसान पहुंचाने वाली विभाजनकारी
नई दिल्ली |रूस द्वारा हिंद-प्रशांत पहल को मौजूदा क्षेत्रीय ढांचों को नुकसान पहुंचाने वाली विभाजनकारी कोशिश कहने के अगले दिन अमेरिका और भारत ने कहा कि इस अवधारणा का मकसद किसी देश को अलग-थलग करना नहीं है, बल्कि यह 'सिद्धांत आधारित' सोच है।
भारतीय अखबार हिन्दुस्तान के अनुसार 'रायसीना डायलॉग' में अपने भाषण में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार (15 जनवरी) को अमेरिका नीत हिंद-प्रशांत पहल की पुरजोर निंदा करते हुए कहा था कि इसका मकसद क्षेत्र में चीन के दबदबे को रोकना है। इस आलोचना के जवाब में अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर ने कहा कि स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र कोई समूह या सैन्य गठबंधन नहीं है, बल्कि सैद्धांतिक सोच
उन्होंने रायसीना डायलॉग के अंतिम सत्र में कहा, ''यह देशों का समुदाय है जो कानून के शासन का सम्मान करता है, समुद्री क्षेत्र तथा आसमान में परिवहन की आजादी के लिए खड़ा रहता है, खुले व्यापार, खुली सोच को बढ़ावा देता है तथा इस सबके ऊपर हर देश की संप्रभुता का बचाव करता है।"