RBI ने कहा, कोरोनाटाइम में भारत के हालात दूसरों से बेहतर, रिवर्स रीपो रेट में 0.25% की कटौती
कोरोनाग्रस्त इकॉनमी को संकट से उबारने के लिए RBI ने आज फिर कई बड़े ऐलान किए।
कोरोनाग्रस्त इकॉनमी को संकट से उबारने के लिए RBI ने आज फिर कई बड़े ऐलान किए। केंद्रीय बैंक ने मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया। बैंकों को राहत देने के लिए रिवर्स रीपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया गया और रीपो रेट को बरकरार रखा गया है। टार्गेटेड लांग टर्म रीपो ऑपरेशन(TLTRO 2) के तहत RBI ने MFIs और NBFCs को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया।
आरबीई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मिशन है कि कोरोना के कारण गिरती इकॉनमी के घटने की रफ्तार तेज होने से रोका जा सके। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है। दास ने कहा, मार्च 27 जब वह पहला बूस्टर लेकर आए थे, तब से मैक्रोइकॉनमिक कंडिशन बिगड़ती जा रही है। ग्लोबल इकॉनमी सबसे बुरी मंदी देख सकती है।
NBT के अनुसार, वह बोले, ग्लोबल जीडीपी में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है जो जापान और जर्मनी की जीडीपी के बराबर हो सकता है। भारत जी20 इकॉनमीज में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाला देश हो सकता है जैसा कि IMF ने कहा है। गवर्नर ने कहा, हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं। वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और यह 1.9 प्रतिशत रहेगी।
कोविड-19 के कारण इन इंस्टीट्यूशन्स को सेक्टोरल क्रेडिट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रीफाइनैंसिंग के लिए इनहें 50 हजार करोड़ रुपये की मद दी जा रही है। इसमें 25 हजार करोड़ नाबार्ड के लिए, सिडबी के लिए 15 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ एनएचबी के लिए होगा। इस अमाउंट के बारे में फऐसला इनसे चर्चा के बाद लिया गया है। इसमें बाद में बदलाव किया जा सकता है।
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