भारत में पहला रोज़ा पन्द्रह घंटे का,एशिया की प्रसिद्ध इस्लामिक शैक्षिणिक संस्था ने जारी किया हिदायतनामा

भारत में शनिवार से मुकद्दस रमजान के रोजे शुरू हो जाएंगे। कोरोना वायरस और लाकडाउन के चलते पहली बार रमजान की
भारत में शनिवार से मुकद्दस रमजान के रोजे शुरू हो जाएंगे। कोरोना वायरस और लाकडाउन के चलते पहली बार रमजान की सभी इबादतें घर में ही होंगी। इसके लिए उलेमा ने अपील भी की हैं। एशिया की प्रसिद्ध इस्लामिक शैक्षिणिक संस्था दारुल उलूम देवबंद ने तो बाकायदा इसके लिए हिदायतें भी जारी की हैं। उलेमा ने लोगों से अपील की है कि वे घर में ही रहकर इबादत करें।भारत में मुकद्दस रमजान के महीने में भीषण गर्मी, चिलचिलाती धूप और उमस रोजेदारों के सब्र का इम्तिहान लेगी। इस बार रोजे 15 घंटे से ज्यादा वक्त के होंगे। पहला रोजा 15 घंटे नौ मिनट का होगा। अंतिम रोजा 15 घंटे एक मिनट अवधि का होगा। पहला रोजा सुबह 04.15 बजे शुरू होगा जो शाम को 6.54 बजे समाप्त होगा।
भारतीय समाचार पत्र हिंदुस्तान के अनुसार एशिया की प्रसिद्ध इस्लामिक शैक्षिणिक संस्था दारुल उलूम देवबंद ने कुछ हिदायतें जारी की हैं की
- किसी बीमारी में ग्रस्त होनेपर ही रोजा छोड़ सकते हैं। रोजा छोड़ने के लिए किसी मुफ्ती से मसअला जरूर मालूम कर लें।
- लॉकडाउन के चलते जुमे की नमाज सहित अन्य नमाजों, तरावीह को भी घरों में ही अदा करें।
- मस्जिदों में शासन और स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों पर अमल करना चाहिए।
- यदि मस्जिदों में कुछ लोगों को नमाज पढ़ने की छूट दी जाती है तो कुछ लोग ही जाएं।
- बार-बार ना जाएं बल्कि दूसरे लोगों को भी मौका देते रहें। साथ-साथ मस्जिदों की मदद भी करते रहें।
- मस्जिदों में वही लोग नमाज और तरावीह अदा करें जिन्हें इजाजत मिली हुई है।
- घरों पर चार-पांच लोगों की जमात न हो सके तो अपनी-अपनी नमाज अदा कर अल्मतरा कैफ से तरावीह अदा करें।
- लॉकडाउन के चलते छह या दस दिन की तरावीह पढ़ने के बजाए प्रतिदिन एक या सवा सिपारा पढ़ें या सुनें।
- रोजे में सहरी और इफ्तार अपने-अपने क्षेत्रों की जंतरी के हिसाब से करें।
- लॉकडाउन के चलते इफ्तार पार्टी और मस्जिदों में इफ्तार से बचें।
- लॉकडाउन में प्रशासन द्वारा तय समय में ही इफ्तार और सहरी के जरुरी सामान की खरीदारी करें।
संस्था न कहा कि,फिजूल बातों से बचें, मोबाइल पर वक्त बर्बाद न करें
माह-ए-रमजान में ज्यादा से ज्यादा एहतिमाम करें और अपने गुनाहों की तौबा करें। साथ ही गुनाहों से बचने का इरादा रखें। उन्होंने कहा कि माह-ए-रमजान में लोग फिजूल की बातों से बचें। अपना वक्त मोबाइल पर बर्बाद न कर रमजान के कीमती वक्त को ज्यादा से ज्यादा इबादत में गुजारें। कोरोना के चलते घरों में ही रहकर इबादत की जाए।
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