भारत:मौजूदा दवाओं से ही कोरोना को मात देने की तैयारी, CSIR ने निजी दवा कंपनी के साथ छेड़ी मुहिम
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारतीय वैज्ञानिक भी जुट गए हैं। नई दवा विकसित होने तक
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारतीय वैज्ञानिक भी जुट गए हैं। नई दवा विकसित होने तक मौजूदा दवाओं के जरिए ही इसे मात देने की तैयारी में है। हालांकि मेडिकल के क्षेत्र से जुड़ी यह सामान्य प्रक्रिया होती है, जिसमें किसी नई बीमारी के उभरने पर दूसरे रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को उसके उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसका फैसला बीमारी के लक्षण और प्रयोगशाला में उसके प्रभाव को देखने के बाद ही लिया जाता है।
दैनिक जागरण के अनुसार वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने देश की एक बड़ी निजी दवा कंपनी और आईटी कंपनी की लाइफ साइंस विंग के साथ मिलकर इस दिशा में काम शुरु किया है। जहां कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इसी तरह की रणनीति अपनाई जा रही है। सीएसआईआर के मुताबिक कम समय में दवाओं के उत्पादन की यह नई प्रक्रिया विकसित की जा रही है। हालांकि इस काम में तेजी तब आयी, जब कोरोना के संक्रमण में मलेरिया की दवा को कुछ हद तक प्रभावी पाया गया है। ऐसे में वैज्ञानिक इसके आस-पास या इससे मिलती जुलती दूसरी दवाओं के प्रभावों को देखने में लगे है।
सीएसआईआर के मुताबिक कोरोना से लड़ने का यह उसका कोई अकेला प्रयास नहीं है, बल्कि वह इससे निपटने के लिए पांच सूत्रीय एजेंडे पर भी काम कर रहा है। इनमें बीमारी के खतरे और उसकी प्रकृति को समझने के लिए आणविक स्तर पर निगरानी, किफायती जांच किट बनाना, दवा को विकसित करना, अस्पतालों व निजी सुरक्षा उपकरणों का विकास और चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति शामिल है।
aXA6IDMuMTMzLjE0Ny4yNTIg ejasoft island