भारतीय पीएम मोदी को उम्मीद- अगले 'मन की बात' तक दुनिया में कोरोना से राहत की ख़बर आए
देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया।
देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया। हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम का यह 64वां संस्करण था। मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कि कोरोना वायरस के खिलाफ यह जंग जनता लड़ रही है। इसमें अलग-अलग क्षेत्र के लोग अपना योगदान दे रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने रमजान को लेकर लोगों से एक खास अपील की। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले मन की बात तक दुनिया भर में कोरोना वायरस से राहत की ख़बर मिलेगी।
दैनिक जागरण के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से खास अपील करते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया इतने बड़े संकट का सामना कर रही है, तो इस बार रमजान को धैर्य, सद्भाव, संवेदनशीलता और सेवा का प्रतीक बनाने का एक अवसर है। जिससे पूरी दुनिया में लोगों को एक खास संदेश जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण लोग सादगी से अपने घर में त्योहार मना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, कि कोरोना वायरस के खिलाफ यह लड़ाई जनता लड़ रही है। देश के हर वर्ग ने इस जंग में अपना योगदान दिया है। हर कोई अपने तरीके से इस लड़ाई में अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस ने हमें कई तरह से जागरूक किया है। एक और जागरूकता जो आई है वह है सार्वजनिक रूप से थूकने का नुकसान - अब समय आ गया है कि इस बुरी आदत को हमेशा के लिए मिटा दिया जाए। पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 ने हमारी कार्य शैली, जीवन शैली और आदतों में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं; आप देखेंगे कि मुखौटा सभ्य समाज का प्रतीक बन जाएगा। पीएम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई बार, हम अपनी क्षमता का एहसास करने से इंकार कर देते हैं और जब कोई देश हमें साक्ष्य-आधारित अनुसंधान पर अपना सूत्र सिखाता है, तो हम इसे जल्दी अपनाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है और लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस महामारी के बीच में किसान यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे देश में कोई भी भूखा न सोए। प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार यह युद्ध लड़ रहा है। कुछ घर का किराया माफ कर रहे हैं, कुछ मजदूर जो स्कूल में क्वारंटाइन में हैं, वे स्कूल आदि की सफाई कर रहे हैं।
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