अफगानिस्तान की चुनी सरकार को लेकर विवाद, प्रतिद्वंद्वी ने भी की शपथ लेने की घोषणा
राष्ट्रपति अशरफ गनी के सोमवार सुबह होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के समय पर ही उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी शपथ लेने की घोषणा कर दी है।
अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति अशरफ गनी के सोमवार सुबह होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के समय पर ही उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी शपथ लेने की घोषणा कर दी है। अब्दुल्ला एक अन्य स्थान पर शपथ लेंगे। इसके चलते अफगानिस्तान में दो समानांतर सरकारों के गठन की आशंका पैदा हो गई है। इस सबका तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
दैनिक जागरण के अनुसार, अब्दुल्ला अब्दुल्ला के प्रवक्ता फ्राइदून ख्वाजून ने बताया है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। सब कुछ काबुल में तय कार्यक्रम के अनुसार होगा। सितंबर 2019 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के मतों की गिनती पूरी हो जाने के बाद बीती फरवरी में अफगानिस्तान के चुनाव आयोग ने अशरफ गनी की जीत की घोषणा की थी। लेकिन अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने दावा किया कि उनका गठबंधन चुनाव में जीता है, इसलिए वह सरकार बनाएंगे। गनी के प्रवक्ता सिदीक सिद्दीकी ने कहा है कि चुनाव आयोग के घोषित चुनाव परिणामों के अनुसार अशरफ गनी को ही जीत हासिल हुई है और वह देश के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
अमेरिका और अफगानिस्तान में मौजूद अन्य देश ताजा स्थिति को लेकर असमंजस में हैं। वे दोनों गुटों से अपने शपथ ग्रहण समारोह स्थगित करने के लिए कह रहे हैं जिससे कि उनके बीच सहमति बनाने के लिए समय मिल जाए। अफगानिस्तान की राजनीति में गनी और अब्दुल्ला पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं। पिछली सरकार में राष्ट्रपति गनी के साथ अब्दुल्ला को मुख्य कार्यकारी बनाकर सत्ता में साझीदार बनाया गया था। अब्दुल्ला पूर्व में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन चुनाव के बाद फिर से दोनों के हितों में टकराव शुरू हो गया है।
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