भारत के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार किसी भी देश को नहीं: वेंकैया नायडू
राज्ससभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार किसी भी देश को नहीं है और यह संदेश स्पष्ट तौर पर, पूरी मजबूती के साथ दिया जाना चाहिए।
नयी दिल्ली। राज्ससभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार किसी भी देश को नहीं है और यह संदेश स्पष्ट तौर पर, पूरी मजबूती के साथ दिया जाना चाहिए। सभापति ने यह बात शिवसेना के अनिल देसाई के विशेष उल्लेख के दौरान कही। देसाई ने अपने उल्लेख में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में यूरोपीय संसद में एक प्रस्ताव लाए जाने का मुद्दा उठाया था।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के अनुसार, शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए देसाई ने कहा कि एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए कि भारत अपने अंदरूनी मामलों में दूसरे देशों का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। इस पर सभापति ने सहमति जताते हुए कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार किसी भी देश को नहीं है और यह संदेश स्पष्ट तौर पर, पूरी मजबूती के साथ दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘उच्च सदन का सभापति और देश का उप राष्ट्रपति होने के नाते मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यहां चाहे जो भी मुद्दे हों, उन पर चर्चा करने और फैसला करने के लिए भारतीय संसद ही संप्रभु प्राधिकार है।’’
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