भारतीय पीएम मोदी ने कहा,स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं, उनकी रक्षा करना सरकार की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के साथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया गया अध्यादेश इस संबंध में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जिसमें कोरोना महारामी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को परेशान करने या उन पर हमला करने के लिए कड़े दंड का प्रस्ताव किया गया। उन्होंने कहा कि अध्यादेश हमारे चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
भारतीय अखबार अमर उजाला के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 ने प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी की रक्षा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट किया, जो कोविड-19 से बहादुरी से लड़ रहे हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में जानकारी दी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा और उनके रहने व काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी।
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