नोटबंदी और आइपीएल फाइनल से भी ज्यादा देखा गया भारतीय पीएम मोदी का लॉकडाउन भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के टेलीविजन संबोधन को वर्ष 2016 के नोटबंदी के संबोधन से भी ज्यादा देखा-सुना गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के टेलीविजन संबोधन को वर्ष 2016 के नोटबंदी के संबोधन से भी ज्यादा देखा-सुना गया है। यह घोषणा बीएआरसी इंडिया रेटिंग्स ने की है। टेलीविजन रेटिंग एजेंसी ब्राडकास्ट ऑडियंस रीसर्च काउंसिल्स (बीएआरसी) इंडिया रेटिंग्स के अनुसार विगत मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम टेलीविजन संबोधन को 1.7 करोड़ लोगों ने देखा है। इसी संबोधन में उन्होंने कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि था कि इस जानलेवा वायरस से बचाव का एकमात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग ही है।
दैनिक जागरण के अनुसार, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने ट्वीट करके बताया कि इस रेटिंग एजेंसी के अनुसार पीएम के 24 मार्च के संबोधन की व्यूवरशिप आइपीएल के फाइनल मैच से भी ज्यादा थी। पीएम मोदी के भाषण को 201 चैनलों पर दिखाया गया था। आइपीएल के मैच को 13.3 करोड़ लोगों ने देखा था, जबकि पीएम के संबोधन को 19.7 करोड़ लोगों ने देखा है।
इससे पहले 19 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के 'जनता कर्फ्यू' के भाषण को भी 191 टीवी चैनलों पर 8.30 करोड़ लोगों ने देखा था। इसी तरह पीएम मोदी के कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के आठ अगस्त, 2019 के भाषण को 163 चैनलों पर 6.5 करोड़ लोगों ने देखा था। जबकि आठ नवंबर, 2016 के नोटबंदी की घोषणा को 114 टीवी चैनलों पर 5.7 करोड़ लोगों ने देखा था।
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