भारतीय सरकार ने लिए अहम फैसले, प्राइवेट सेक्टर में भी कोरोना जांच व इलाज के खुले रास्ते
कोरोना वायरस की गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिये हैं, जो इस क्षेत्र के लिए बेहद कारगर साबित होंगे।
कोरोना वायरस की गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिये हैं, जो इस क्षेत्र के लिए बेहद कारगर साबित होंगे। इनमें कुछ तात्कालिक कदम उठाये गये हैं तो कुछ दीर्घकालिक। इनमें कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की जांच व इसके इलाज में प्राइवेट सेक्टर को अनुमति देना अहम है। जबकि देश के प्रमुख शोध संस्थानों में इस क्षेत्र में अनुसंधान करने और देश के फार्मास्युटिकल उद्योग को बल्क ड्रग के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन देने का सरकार ने फैसला किया है।
दैनिक जागरण के अनुसार, देश में 'COVID-19' वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रभावित मरीजों की जांच एक नाजुक समस्या हो गई है। इसके लिए सरकारी लैबोरेटरी की जांच क्षमता कम हो सकती है। इसके मद्देनजर लैबोरेटरीज की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इसी के बाबत प्राइवेट लैब को जांच के लिए खोल दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी लव अग्रवाल ने बताया COVID-19 के टेस्ट के लिए पांच दर्जन लैबोरेटरीज ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें से फिलहाल बहुत कम को इसकी अनुमति दी गई है।
फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रिडिएंट्स (API) के उत्पादन के लिए भारत में बल्क ड्रग पार्क स्थापित किये जाएंगे। इससे भारत की इन वस्तुओं की आयात निर्भरता खत्म हो सकती है। देश में फिलहाल बल्क ड्रग की कुल जरूरतों का 70 फीसद हिस्सा आयात से पूरा किया जाता है। इनमें भी बल्क ड्रग का सर्वाधिक हिस्सा चीन से आयात किया जाता है। कोरोना वायरस के मौजूदा संकट से घरेलू स्थितियां विकट हो गई। देश में दवाओं के मूल्य में वृद्धि की आशंका बढ़ने लगी। इन हालातों से निपटने के लिए सरकार ने दीर्घकालिक नीति बनाते हुए घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकारी मदद से घरेलू फार्मास्युटिकल उद्योग की लागत में कमी आएगी जो चीन से प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगी।
aXA6IDE4LjE5MS4yMjMuMTIzIA== ejasoft island