भारत: आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए सामाजिक योजनाओं में भी मिलेगी जगह
गरीब सवर्णों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने नए सिरे से मंथन शुरु किया है।
गरीब सवर्णों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने नए सिरे से मंथन शुरु किया है। इसके तहत सामाजिक विकास से जुड़ी योजनाओं में उन्हें जगह दी जा सकती है। फिलहाल जिन योजनाओं को लेकर चर्चा शुरु हुई है, उनमें उच्च शिक्षा और कौशल विकास को लेकर चलाई जा रही योजनाएं है। इन योजनाओं के तहत मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति या वित्तीय मदद दी जाती है। अभी इन योजनाओं में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और ईबीसी (आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग) को ही लाभ दिया जाता है।
दैनिक जागरण के अनुसार, गरीब सवर्णो को हालांकि इससे पहले सरकार एक बड़ी खुशखबरी दे सकती है। जिसके तहत उन्हें आरक्षण के तहत उम्र में छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। फिलहाल इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है। पिछले दिनों यह मुद्दा संसद के बजट सत्र में भी उठा था।
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अब सामाजिक विकास से जुड़ी योजनाओं को विस्तार देकर ईबीसी की जगह ईडब्लूएस को शामिल किया जा सकता है। ईबीसी के दायरे में अभी अधिकतम ढाई साल तक की सालाना आय वर्ग के लोग ही आते है, जबकि ईडब्यूएस कैटेगरी के तहत सामान्य वर्ग को मिले आरक्षण के दायरे में आठ लाख सलाना आय वर्ग को रखा जाता है। यही वजह है कि इसके दायरे को बढ़ाने की मंजूरी का भी प्रस्ताव है।
फिलहाल अभी ईबीएस को जिन योजनाओं में जगह दी गई है, उनमें डॉ अंबेडकर शिक्षा ऋण सब्सिड़ी योजना, अंबेडकर मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना और कौशल विकास के लिए सहायता जैसी योजनाएं शामिल है। इनमें अंबेडकर शिक्षा ऋण सब्सिडी योजना के तहत विदेश में उच्च शिक्षा के जाने पर लिए गए बैंक कर्ज के ब्याज को सरकार अदा करती है।