ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर सर्वोच्च नेता खामेनेई ने ने फतवा तक जारी किया था
अमेरिका से जारी तनातनी के बाद जो दो नाम पूरी दुनिया में छाए हुए हैं
अमेरिका से जारी तनातनी के बाद जो दो नाम पूरी दुनिया में छाए हुए हैं उनमें पहला नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का है तो दूसरा नाम ईरान के सर्वोच्च नेता सैयद अली हुसैनी खामेनेई का है। यह दोनों ही एक दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
• दैनिक जागरण के अनुसार मौजूदा तनाव और कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद खामेनेई ने ही ट्रंप के सिर पर 80 मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित किया था। उनके ही आदेश के बाद कासिम की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने बगदाद समेत दूसरे अमेरिकी ठिकानों पर 21 रॉकेट दागे थे।
• सैयद अली हुसैनी खामेनेई ईरान के दूसरे सर्वोच्च नेता है। इसके अलावा वह पूरे मध्य पूर्व में किसी देश पर शासन करने वाले दूसरे नेता भी हैं। 1989 में आयतुल्लाह खामेनेई के निधन के बाद से ही वह इस पद पर काबिज हैं। इससे पहले वह ईरान के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। आयतुल्लाह की ही तरह इस्लामिक क्रांति के दौरान अली खामेनेई को शाह पहलवी ने देश से निकलवा दिया था।। इससे पहले उन्हें करीब छह बार गिरफ्तार किया गया। जून 1981 में उन्हें जान से मारने की भी कोशिश की गई थी।
• अली खामेनेई ने 1980 में ईरान-इराक युद्ध के दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के करीब रहकर मजबूत रणनीति बनाई थी। वह ईरान के तीसरे राष्ट्रपति थे जो 1981 से लेकर 1989 तक इस पद पर रहे थे। अली आयतुल्लाह के काफी करीब थे। इसके अलावा वह उनके भरोसेमंद भी थे। यही वजह थी कि आयतुल्लाह ने उन्हें राष्ट्रपति बनाया था। आयतुल्लाह के करीब होने की वजह से ही उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर बिठाया गया।