चीन से नहीं आ रही हैं दवाएं, भारत के पास बचा है सिर्फ अप्रैल तक का स्टॉक
चीन में फैले जानलेवा कोराना वायरस का असर अब दुनियाभर में दिखने लगा है. चीन से आने वाले सामान पर रोक का असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ रहा है. कोरोना वायरस की वजह से भारत में भी दवाओं का गंभीर संकट पैदा हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास केवल अप्रै
चीन में फैले जानलेवा कोराना वायरस का असर अब दुनियाभर में दिखने लगा है. चीन से आने वाले सामान पर रोक का असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ रहा है. कोरोना वायरस की वजह से भारत में भी दवाओं का गंभीर संकट पैदा हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास केवल अप्रैल तक की दवा का ही स्टॉक बचा है.
न्यूज़ 18 के अनुसार, भारत में दवाओं की कीमतें में किसी भी तरह का इजाफा न हो, इसके लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया है. इस कीमतों में तकनीकी विभागों के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है. इस कमेटी ने मोदी सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक अगले एक महीने में अगर चीन से दवाओं की सप्लाई नहीं होती है तो देश में गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं.
बता दें कि चीन के वुहान जैसे शहरों में दवाओं से जुड़ी सबसे ज्यादा कंपनियां हैं. इन कंपनियों से कच्चे माल के रूप में दवाएं निकलती हैं और दुनियाभर के देशों में भेजी जाती हैं. भारत में भी 80 फीसदी एपीआई (दवाओं का कच्चा माल) चीन से आता है. बता दें कि भारत चीन से करीब 57 तरह के मॉलिक्यूल्स मंगाता है. कोरोना की वजह फैक्ट्रियों पर अभी ताला लग गया है. एपीआई ही नहीं ऑपरेशन थियेटर के 90 फीसदी पार्ट्स भी चीन से आते हैं.
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