भारत: कोरोना वायरस से महाराष्ट्र में सरकारी दफ्तर बंद नहीं होंगे
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए सभी सरकारी कार्यालय 7 दिन के लिए बंद किए जाने की खबरों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खारिज कर दिया है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए सभी सरकारी कार्यालय 7 दिन के लिए बंद किए जाने की खबरों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हाल फिलहाल हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं। मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए गए। बैठक के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक परिवहन पहले की तरह चालू रहेगा और सरकारी दफ्तर भी बंद नहीं होंगे। हम 50 फीसदी क्षमता के साथ सरकारी कार्यालयों को काम करने की इजाजत देने पर काम कर रहे हैं।
अमर उजाला के अनुसार, उन्होंने कहा कि ट्रेनों और बसों जैसी जरूरी सेवाओं को हम फिलहाल रोकने नहीं जा रहे हैं। लेकिन लोगों ने सरकार की सलाह नहीं मानी और बेवजह सफर या गैर जरूरी यात्रा जारी रखी तो इन्हें बंद करने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले 15 से 20 दिन हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि महाराष्ट्र सरकार ने अगले सात दिन तक सरकारी दफ्तर बंद रखने का फैसला किया है। वहीं कारपोरेट सेक्टर ने सुबह ही अपने दफ्तर शत-प्रतिशत बंद रखने के साथ कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया है।
कारपोरेट सेक्टर के प्रतिनिधियों ने इस बारे में सरकार को भी सूचित किया है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि कॉरपोरेट सेक्टर ने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। साथ, ही कोरोना के प्रति जागरुकता के लिए अपने कर्तव्य का भी निर्वाह कर रहे हैं।डॉक्टरों के अनुसार कोरोना वायरस से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए भीड़ का कम होना जरूरी है। इसलिए मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन और परिवहन का दूसरा सबसे बड़ा साधन बेस्ट उपक्रम की लाल बसों का परिचालन भी बंद किया जा सकता है।