कोरोना वायरस से रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट के जरिए भारत कैसे जीतेगा जंग, जानिए
कोरोना वायरस टेस्टिंग में फिलहाल भारत भले थोड़ा पीछे हो लेकिन अब सरकार ने इसका तोड़ ढूंढ लिया है। एंटी बॉडी टेस्ट से भारत अब कोरोना वायरस को मात देने की तैयारी में जुट गया है।
कोरोना वायरस टेस्टिंग में फिलहाल भारत भले थोड़ा पीछे हो लेकिन अब सरकार ने इसका तोड़ ढूंढ लिया है। एंटी बॉडी टेस्ट से भारत अब कोरोना वायरस को मात देने की तैयारी में जुट गया है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट अबतक किए जा रहे टेस्ट के मुकाबले तेज हैं और नतीजे 30 मिनट में बता देता है। इसके साथ ही यह किफायती भी है। भारत में कोरोना टेस्ट की बात करें तो भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक 6 अप्रैल तक कुल 1 लाख 11 हजार टेस्ट हुए हैं। इसमें 5 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजेटिव पाए गए हैं।
एनबीटी के अनुसार, कोरोना को रोकने के लिए अब रैपिड टेस्ट होंगे। ये फटाफट टेस्ट सबसे पहले कलस्टर और हॉटस्पॉट बन चुकी जगहों पर होंगे। मतलब जहां कोरोना ज्यादा फैल रहा है। सरकार मेडिकल स्टाफ को करीब 7 लाख रैपिड टेस्ट किट देगी। देशभर के हॉटस्पॉट जिसमें अब दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश शामिल है उनमें टेस्ट ज्यादा होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि राज्य सरकार टेस्टिंग पर जोर देगी। वे दिल्ली के दो हॉटस्पॉट दिलशाद गार्डन और निजामुद्दीन हॉटस्पॉट पर टेस्ट ज्यादा करवाएंगे। बता दें कि कोरोना से जंग में यह सबसे जरूरी है कि प्रति 10 लाख की आबादी पर कितनों के टेस्ट हुए।
एंटी बॉडी टेस्ट आखिर क्या है इसकी जानकारी आईसीएमआर के हेड साइंटिस्ट डॉ आर गंगाखेडकर ने दी। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट से ये कनफर्म नहीं होता कि किसी शख्स में कोरोना वायरस है या नहीं। बस ये पता चलता है कि उसमें कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी बन रही हैं या नहीं। यानी ये कोरोना मरीजों की संभावित पहचान करने में मददगार है। गंगाखेडकर ने बताया कि इस टेस्ट से पता चलता है कि क्या शरीर में कोरोना वायरस आया था या नहीं। ऐंटीबॉडी पॉजेटिव आती है तो पीसीआर करवाने की सलाह दी जाती है। अगर वह भी पॉजेटिव आई तो यानी कोरोना है। अगर नहीं तो यानी पुराना इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में अलग रहने की सलाह दी जाती है। अगर दोबारा रिपोर्ट नेगेटिव आई तो शख्स घर जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह टेस्ट फटाफट हो जाता है। रियल टाइम पीसीआर के मुकाबले रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट बेहतर है। एक तो ये सिर्फ 3000 रुपए में हो सकता है, जबकि रियल टाइम पीसीआर में करीब 4500 रुपए खर्च होते हैं। यानी ये सस्ता है। वहीं दूसरी ओर इसमें समय भी कम लगता है। महज 15-30 मिनट में ही इसका नतीजा आ जाता है, जबकि रियल टाइम पीसीआर का नतीजा आने में 2-3 दिन लग जाते हैं और इस समय के दौरान इंफेक्शन काफी लोगों में फैल सकता है।
aXA6IDE4LjE5MS41LjIzOSA= ejasoft island