इरडा चेयरमैन एससी खुंटिया: अभी तक नहीं मिला एलआईसी के आईपीओ का प्रस्ताव
इरडा के चेयरमैन एससी खुंटिया ने मंगलवार को ये बातें कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के चुनिंदा आयकर एक्जंप्शन के संबंध में जीवन बीमा उद्योग के लिए चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है,
इरडा के चेयरमैन एससी खुंटिया ने मंगलवार को ये बातें कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के चुनिंदा आयकर एक्जंप्शन के संबंध में जीवन बीमा उद्योग के लिए चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वैकल्पिक निवेश अभी भी मौजूद हैं।
एक्चुरीज (बीमांकिक) के एक कार्यक्रम के दौरान खुंटिया ने कहा कि बीमा कंपनियों को घाटे वाले उत्पादों ‘बंद’ कर देना चाहिए और बेहतर उत्पादों पर पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बजट में हुए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ के संबंध में उन्होंने कहा, ‘एलआईसी का प्रस्ताव अभी तक नहीं मिला है। हालांकि सूचीबद्ध होने वाली किसी भी कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस डिसक्लोजर (खुलासों) में सुधार होगा।’
अमर उजाला के अनुसार, आईपीओ से पहले एलआईसी के कारोबार के संभावित पुनर्गठन पर खुंटिया ने कहा कि सरकार द्वारा इस दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध कराना किसी भी बीमा कंपनी के लिए अच्छा कदम है और इरडा कंपनियों को इसके लिए प्रोत्साहित करेगा। हालांकि खुंटिया ने कहा कि सूचीबद्धता को अनिवार्य नहीं किया जा रहा है, क्योंकि छोटी कंपनियों के लिए इसकी शर्तें पूरी करनी होंगी। एक कंपनी को सूचीबद्धता के लिए 10 साल के भीतर व्यापक विस्तार कर लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कंपनियों की गंभीरता बनाए रखने के लिए सालाना उत्पाद समीक्षा की जरूरत है। उन्होंने घाटे वाले उत्पादों को बंद किए जाने की भी वकालत की। उन्होंने कहा, ‘मैं कंपनियों को ऐसे उत्पाद बंद करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहूंगा, जो बिक नहीं रहे हैं। इससे उनका प्रबंधन आसान हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इरडा कंपनियों को टिकाऊ बनते देखना चाहता है, जहां उन्हें न तो नुकसान है, न ही ज्यादा फायदा हो।
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