भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी योग साधक,
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन देश-विदेश से आए योग
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन देश-विदेश से आए योग साधकों ने विश्व विख्यात ड्रम वादक शिवमणि और रूना रिजवी के मंत्रमुग्ध करने वाले संगीत का आनन्द लिया। इस दौरान विदेशी योग साधकों ने भी होली का त्योहार मनाया। इस दौरान उन्होंने एक दूसरे को प्रेम और सौहार्द्र का संदेश दिया। ऐसे में पूरा वातावरण भारतीय संस्कृति में रंगा नजर आया।
अमर उजाला के अनुसार गुरुवार को योग महोत्सव में स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने विश्व के 73 देशों से आए योग साधकों और योगाचार्यों को होली पर्व के आध्यात्मिक महत्व के विषय में जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने विश्व बन्धुत्व, सादगी, सद्भाव, समरसता और स्वच्छता का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि होली के रंग यही संदेश देते हैं कि भेदभाव, जाति का भेदभाव, ऊंच-नीच, जातिवाद, नक्सलवाद, संप्रदायवाद, भष्ट्राचार की दीवारों को तोड़ते हुए सभी प्रेम और सौहार्द के रंगों में रंग जाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार रंग एक दूसरे में मिलकर एक नए रंग का निर्माण करते हैं, हम सभी आपस के सभी भेदभाव मिटाकर एक नए विश्व का निर्माण करें।