कोविड -19 वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में पहले अमेरिकी मरीजों को दिया गया इंजेक्शन
पूरी दुनिया कोरोना वायरस संकट से इस वक्त जूझ रही और अब तक इसके वैक्सीन का पता नहीं चल पाया है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस संकट से इस वक्त जूझ रही और अब तक इसके वैक्सीन का पता नहीं चल पाया है। कई अमेरिकी कंपनियां कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) के खिलाफ टीके विकसित करने जुटी हैं। इस वायरस ने 3.5 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया है और दुनिया भर में 257,207 लोगों की मौत हुई है।
समाचार-पत्र लाइव हिन्दुस्तान के अनुसार, अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर इंक ने अपने प्रयोगात्मक वैक्सीन पहले अमेरिकी रोगियों पर ट्राई की है और रेजेनरॉन फार्मास्यूटिकल्स ने कहा कि इसके काम न करने पर एक अन्य एंटीबॉडी उपचार उपलब्ध हो सकता है। ये दवा के जून में पहली बार मनुष्यों में अध्ययन के लिए उपलब्ध होगी। गिलियड साइंसेज इंक दुनिया भर में उपयोग के लिए अपने वायरस उपचार के विनिर्माण का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है। फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अल्बर्ट बोरला ने एक बयान में कहा, "चार महीने से भी कम समय में हम प्रीक्लिनिकल स्टडीज से मानवों पर परीक्षण कर सकेंगे।
इधर, भारत में 30 से अधिक वैक्सीन विकास के विभिन्न चरणों में हैं और इनमें कुछ ट्रायल के लिए तैयार हैं। यह जानकारी विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी। बता दें कि पीएम मोदी ने कोरोना वायरस टीका विकास पर मंगलवार को एक कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की।
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