भारत: पुरानी इमारत के सामने ही नया संसद भवन बनेगा
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतों के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। इस इलाके में संसद के दोनों सदनों के लिए ज्यादा सदस्यों की क्षमता वाली नई इमारतें बनाई जाएंगी।
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतों के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। इस इलाके में संसद के दोनों सदनों के लिए ज्यादा सदस्यों की क्षमता वाली नई इमारतें बनाई जाएंगी। साथ ही केंद्रीय सचिवालयके लिए 10 नई इमारतें बनाई जाएंगी। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा। इस प्लान में बीते तीन महीने में छह बार बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भास्कर को बताया कि ये बदलाव सुझावों के मुताबिक किए गए हैं। अभी यह मास्टर प्लान अंतिम नहीं है।
दैनिक भास्कर के अनुसार, सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक पुुराने गोलाकार संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा। नए संसद भवन में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा। यह 13 एकड़ जमीन पर बनेगा। इस जमीन पर अभी पार्क, अस्थायीनिर्माण और पार्किंग है।
लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो। नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी। यानी एक सांसद को 60 सेमी की जगह मिलेगी। संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों पर तीन सांसद बैठ सकेंगे। यानी कुल 1350 सांसद बैठ सकेंगे। राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी। देश की विविधता दर्शाने के लिए संसद भवन की एक भी खिड़की किसी दूसरी खिड़की से मेल खाने वाली नहीं होगा। हर खिड़की अलग आकार और अंदाज की होगी।
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