कोरोना वायरस की चपेट में भारत का दवा बाजार
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) वैसे ही बुरे दौर से गुजर रही थी, उस पर कोरोना वायरस (Corona virus) का असर 'गरीबी में गीले आंटे' की तरह सामने आया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) वैसे ही बुरे दौर से गुजर रही थी, उस पर कोरोना वायरस (Corona virus) का असर 'गरीबी में गीले आंटे' की तरह सामने आया है. भारत फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) ने आने वाले वक़्त में दवाओं (Medicines) के निर्माण को लेकर कुछ जरूरी बातें कहीं हैं. जिसमें कोरोना वायरस की वजह से दवा निर्माण पर पड़ने वाला असर शामिल है.
आईपीए के अनुसार अब भारत (India) की फार्मास्युटिकल कम्पनियां सिर्फ अगले दो या 3 महीनों तक ही दवाएं बना पाएंगी. कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलाव को रोकने के लिए चीन (India) से हमारे सारे ट्रेड बंद है. और अब तक दवाओं के निर्माण में जरूरी कैमिकल और सामान वहीं से आता था, इसलिए चीन में छाई इस महामारी का सीधा असर भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पर देखने को मिल रहा है. एलायंस का दावा है कि दवाओं के लिए कच्चा माल न होने के कारण भारत सिर्फ अगले दो या तीन महीनों तक ही दवाएं बनाने में सक्षम है.