लॉकडाउन के बीच भारत-पाकिस्तान ने खोली अपनी सीमाएं
कहते हैं सरहदों को सील किया जा सकता है, लेकिन दिल की सीमाओं को कभी बांधा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही हुआ पाकिस्तान के एक परिवार के साथ।
कहते हैं सरहदों को सील किया जा सकता है, लेकिन दिल की सीमाओं को कभी बांधा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही हुआ पाकिस्तान के एक परिवार के साथ। पाकिस्तान के 12 साल के बच्चे साबीह के दिल का सफलतापूर्वक इलाज नोएडा के अस्पताल में हुआ। जब उसे पाक जाना था, तब कोरोना के कारण सरहदें सील हो चुकी थी। ऐसे में भारतीयों ने उस छोटे बच्चे के लिए दिलों के दरवाजे खोल दिए। जब दिल के दरवाजे खुले तो दोनों देशों ने सारे प्रोटोकॉल को दरकिनार कर उस बच्चे के लिए सरहदों को भी खोल दिया।
लाइव हिंदुस्तान के अनुसार, दुआओं से लाद दिया: कराची पहुंच चुके बच्चे के पिता शिराज अरशद से ‘हिन्दुस्तान' ने बात की तो उन्होंने भारतीयों को दुआओं से लाद दिया। अरशद ने बताया, नोएडा के जेपी हॉस्पिटल में डॉ. राजेश शर्मा ने उनके बेटे के दिल की सर्जरी की। इसके कुछ दिन बाद वे 19 मार्च को अटारी सीमा पहुंचे। पर कोरोना वायरस के कारण सरहदें सील हो चुकी थीं। पाकिस्तान ने भी सरहद में आने की इजाजत नहीं दी। बेटे का ऑपरेशन हाल ही में हुआ था। ऐसे में सीमा पर वो असहाय हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर समस्या साझा की। पाक के हम टीवी के पत्रकार इमरान की इस पर नजर गई और उन्होंने अमृतसर के पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन से संपर्क किया।
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