भारत ने ब्रिक्स देशों के साथ की बैठक, कहा- महामारी के दौर में एमएसएमई सेक्टर को बचाने के लिए गुट के सभी देश आएं साथ
कोरोना संकट के काल में ब्रिक्स देशों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई, जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए।
नई दिल्ली। कोरोना संकट के काल में ब्रिक्स देशों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई, जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए। जयशंकर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच व्यापार को संभालने की जरूरत है। इस बातचीत में जयशंकर का खासा जोर एमएसएमई सेक्टर पर रहा।
एस. जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स देशों को इस बात की ओर ध्यान देने की भी जरूरत है कि कोरोना संकट के कारण ज्यादा लोगों को रोजगार खोना न पड़े। ऐसे में ब्रिक्स देशों का साथ आना अच्छे दिशा की ओर जाने के संकेत हैं। बता दें कि ब्रिक्स समूह ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका का समूह है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल इकनॉमी में अपनी अहम भूमिका निभाना है।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, कि कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक व्यापार की सप्लाई चेन टूट गई है। जिसकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच रहा है। साल 2018 में ब्रिक्स देशों की कुल जीडीपी 19.61 बिलियन डॉलर रही है। कोरोना की वजह से वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां नकरात्मक रही हैं।
मनी भास्कर के अनुसार, कोरोना महामारी का सामाना करने के लिए रुस ने एक ब्रिक्स देशों का एक साझा सेशन आयोजित किया था। कोरोनोवायरस महामारी के प्रकोप के बाद पांच देशों के गुट की यह पहली मीटिंग है। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जुलाई के तीसरे हफ्ते में होना है। भारत 2021 में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन करेगा। साथ ही आगामी सात मई को ब्रिक्स देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की एक वर्चुअल मीटिंग होगी, जिसमें महामारी से निपटने के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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