मूडीज ने कहा- इस साल शून्य रह सकती है भारत की आर्थिक वृद्धि, लोन का दबाव और बढ़ेगा
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि शून्य रह सकती है।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि शून्य रह सकती है। उसने कहा कि भारत की सॉवरिन रेटिंग का नकारात्मक परिदृश्य से उसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पहले के मुकाबले काफी कम रहने के जोखिम को दर्शाता है। एजेंसी ने कहा कि इसके साथ ही यह परिदृश्य आर्थिक व संस्थागत दिक्कतों को दूर करने के मामले में कमजोर नीतिगत प्रभावों का भी बताता है।
नवभारतटाइम्स के अनुसार, मूडीज ने कहा कि नकारात्मक परिदृश्य यह भी बताता है कि निकट भविष्य में इसमें बेहतरी की संभावना भी नहीं है। उसने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण ऊंचे सरकारी ऋण, कमजोर सामाजिक व भौतिक बुनियादी ढांचा तथा नाजुक वित्तीय क्षेत्र को आगे और दबाव का सामना करना पड़ सकता है। मूडीज ने नवंबर 2019 में भारत की रेटिंग परिदृश्य स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया था। हालांकि, एजेंसी ने रेटिंग को बीएए2 पर बनाये रखा था। 'बीएए2' निवेश ग्रेड की रेटिंग है जिसमें हल्का रिण जोखिम होता है। यह रेटिंग सबसे घटिया रेटिंग ग्रेड से दो पायदान ऊपर है।
मूडीज ने कहा कि भारत की क्रेडिट रेटिंग के नकारात्मक परिदृश्य से पता चलता है कि जीडीपी की वृद्धि दर पहले की तुलना में काफी कम रहने वाली है। इसके साथ ही यह आर्थिक व संस्थागत दिक्कतों को दूर करने के कमजोर नीतिगत प्रभावों को भी बताता है। उसने 'भारत सरकार- बीएए2 नकारात्मक' शीर्षक से कहा, "यह कोरोनो वायरस महामारी के कारण उत्पन्न गहरे असर के संदर्भ में है।
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