विश्व खुशहाली रिपोर्ट में नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका से काफी पीछे भारत
संयुक्त राष्ट्र द्वारा ख़ुशी के स्तर को 6 कारकों पर मापा जाता है.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा ख़ुशी के स्तर को 6 कारकों पर मापा जाता है. इसमें प्रति व्यक्ति आय, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक सपोर्ट, आजादी, विश्वास और उदारता, भ्रष्टाचार को लेकर आम लोगों की सोच शामिल हैं.
दि वायर के अनुसार, इसके अलावा सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव और प्रभावित करने वाली वजहों का भी हर साल के हिसाब से अध्ययन किया जाता है. इसके अनुसार देशों को अंक दिए जाते हैं और उनके हिसाब से देशों की सूची बनाई जाती है.
मालूम हो कि साल 2019 की खुशहाली रिपोर्ट में भी भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित अपने अन्य पड़ोसी देशों से भी नीचे स्थान मिला था.
इस सूची में भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट देखी गयी है. 2019 में भारत सात पायदान फिसल कर 140वें स्थान पर पहुंच गया था. उससे पहले 2018 में 133वें, 2017 में 122वें और 2016 में 118वें पायदान पर था.
सूची में सबसे नीचे के देश हिंसा और अत्यधिक गरीबी से प्रभावित थे. जिम्बाब्वे, दक्षिण सूडान और अफगानिस्तान सबसे कम खुश देशों के रूप में वर्गीकृत किए गए.