भारत : पुनःउत्पादित ऊर्जा के विकास लक्ष्य की आलोचना
भारत के थिंक टैंक ब्रिज-टू-इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार चालू नीति वातावरण के चलते वर्ष 2024 के अंत तक भारत में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उत्पादन क्रमशः 82GW और 53GW तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत के थिंक टैंक ब्रिज-टू-इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार चालू नीति वातावरण के चलते वर्ष 2024 के अंत तक भारत में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उत्पादन क्रमशः 82GW और 53GW तक पहुंचने की उम्मीद है।
पर उधर भारत सरकार की पुनःउत्पादित ऊर्जा विकास योजना की यह आलोचना भी की गयी है कि वह हद से ज्यादा विशाल है। भारतीय सरकार की योजना है कि वर्ष 2022 के मार्च तक पुनःउत्पादित ऊर्जा उत्पादन 175GW तक जा पहुंचेगा। पर ब्रिज-टू-इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह लक्ष्य अति आत्मविश्वास के आधार पर है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुनःउत्पादित ऊर्जा के विकास पर प्रभाव डालने के कई कारक है। रिपोर्ट ने विशेष रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच नीतिगत घर्षण पर इशारा किया।
पर संक्षिप्त में कहें कि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा आज तक सबसे सस्ती हरित ऊर्जा मानी जाती है। और पिछले पांच वर्षों में उनकी पेनेट्रेशन रेट 3% से बढ़कर 10% तक हो गई है। ब्रिज-टू-इंडिया का मानना है कि तकनीकी प्रगतियों और प्रतिस्पर्द्धा की वजह से टैरिफ स्तर की गिरावट भी नजर आएगी।
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