भारत में कोरोना का इलाज इन दो गोलियों से, ICMR ने दी परमीशन

देश में कोरोना वायरस (corona virus) को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं। अब चाय की दुकाने तो रही नहीं लेकिन घरों के अंदर ये चर्चा अब आम है कि कब कोरोना की दवा बनेगी।
देश में कोरोना वायरस (corona virus) को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं। अब चाय की दुकाने तो रही नहीं लेकिन घरों के अंदर ये चर्चा अब आम है कि कब कोरोना की दवा बनेगी। लेकिन इस बीच आपको थोड़ी राहत देने वाली एक खबर सामने आई है जिसमें ये कहा जा रहा है कि इस महामारी के इलाज में लोपिनाविर/रिटोनाविर (Lopinavir/ritonavir) के कॉम्बिनेशन (मिलाकर) के इस्तेमाल के लिए अनुमति मिली है।
इन दोनों दवाओं का इस्तेमाल एचआईवी (HIV) एड्स के इलाज में होता रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके बारे में विस्तृत जानकारियाँ दी हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि इन दवा के संयोजन का इस्तेमाल अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
भारत वेव के अनुसार, ICMR (आईसीएमआर) ने एक दर्जन से अधिक अन्य दवाओं की पहचान कर ली है। इन दवाओं का इस्तेमाल कोरोना के इलाज में किया जा सकता है।
इन दवाओं में रेमेडिसिविर (Remdesivir) जो कि मूल रूप से इबोला के इलाज के लिए विकसित की गई थी, माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (Mycobacterium w) इसको मूल रूप से कुष्ठ रोग का इलाज करने के लिए विकसित किया गया था, साथ ही डिसुल्फिरम (Disulfiram) जो कि शराबियों के इलाज की दवा के रूप में विकसित की गई थी, और रेसवेराट्रॉल (Resveratrol) जो कि अंगूर से बना एक एक प्राकृतिक यौगिक को शामिल किया गया हैं।
आईसीएमआर (icmr) के अनुसार इनमें से कुछ दवाओं का भारत में क्लिकिनल ट्रायल भी हो रहा है। लेकिन आईसीएमआर (icmr) ने ये भी कहा है कि अब तक कोरोना का कोई प्रभावी उपचार सामने नहीं आया है।